नई दिल्ली। पाकिस्तानी मूल के चर्चित कनाडाई लेखक तारिक फतेह का सोमवार को 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी दुख जताया है और श्रद्धांजलि दी है। तारिक फतेह एक ऐसे पाकिस्तानी थे जिसको हर भारतीय प्यार करता था।
आइए जानते हैं कि पाकिस्तान में जन्मे तारिक फतेह आखिर आरएसएस को क्यों अच्छे लगते थे। तारिक फतेह पाकिस्तान के कट्टर आलोचक थे। वह अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते थे। उनका जन्म 20 नवंबर 1949 को कराची में हुआ था। वह अक्सर कहा करते थे कि वह एक हिंदुस्तानी हैं जिसका जन्म पाकिस्तान में हुआ।
तारिक फतेह आरएसएस को क्यों प्यारे थे, इसका अंदाजा उनकी बेटी के बताए उनके परिचय से ही मिल जाता है। नताशा फतेह ने सोमवार को अपने पिता के निधन की सूचना कुछ इस तरह दी- पंजाब के शेर, हिंदुस्तान के बेटे, कनाडा के प्रेमी, सच बोलने वाले, न्याय का योद्धा, दबेकुचलों और पीड़ितों की आवाज तारेक फतेह नहीं रहे।
तारिक फतेह खुद को पाकिस्तान में जन्मा भारतीय बताते थे। उन्होंने एक बार कहा था, ‘मैं पाकिस्तान में जन्मा भारतीय हूं, इस्लाम में पैदा हुआ पंजाबी हूं; एक मुस्लिम चेतना के साथ कनाडा में एक प्रवासी और मार्क्सवाद से प्रेरित युवा हूं।’ वह खुलकर कहते थे कि उनके पूर्वज हिंदू थे। हिंदुस्तान का हर शख्स हिंदू है। आरएसएस से भी इस तरह के बयान अक्सर आते हैं कि हिंदुस्तान में जन्मा हर शख्स हिंदू है, चाहे उसका पंथ कुछ भी हो।
तारिक फतेह अक्सर भारत की तारीफ और पाकिस्तान की आलोचना किया करते थे। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को अप्रैल 2013 में दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘भारत इकलौता ऐसा देश है जहां मुस्लिम बिना किसी डर के अपना प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुकाबले भारत के मुस्लिम ज्यादा सक्षम हैं।’
उसी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘पाकिस्तान जल्द ही टूटेगा। पाकिस्तान कोई देश नहीं है, ये एक विचार है। अगर आप पाकिस्तान को जानना चाहते हैं तो आप ढाका जाइए, इस्लामाबाद नहीं। पाकिस्तान में जितने भी राज्य हैं, उनका पाकिस्तान से कुछ भी लेना देना नहीं।…बलूचिस्तान एक आजाद राज्य था जिसपर पाकिस्तान ने सेना के जरिए अवैध कब्जा किया। कश्मीर पर उसका अवैध कब्जा है।’
इसी तरह एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने यहां तक कहा कि भारत है तो दुनिया है, अगर भारत खत्म हुआ तो दुनिया खत्म हो जाएगी। उन्होंने हिंदी न्यूज चैनल इंडिया टीवी के कार्यक्रम ‘आपकी अदालत’ में कहा था, ‘आप (भारत) दुनिया की सबसे बड़ी सभ्यता हैं। 10 हजार साल से दुनिया को रास्ता दिखाया है। पहाड़ों को काटकर मंदिर बनाया। आप क्यों डिफेंसिव हो रहे हैं? किसने बोला था उन्हें मस्जिद (बाबरी) बनाने के लिए? तू यहां पैदा नहीं हुआ, मरा कहीं और जाकर। आकर एक मंदिर पर मस्जिद बना दिया और पूरे मुल्क को बांट दिया। डिफेंस ऑफ इंडिया इज इंड ऑफ सिविलाइजेशन। इंडिया है तो दुनिया है, अगर इंडिया खत्म हुआ तो दुनिया खत्म।’
2016 में एक भारतीय न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक की तारफ की। उन्होंने कहा, ‘भारत ने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया, उसने सिर्फ उस जगह पर आतंकी कैंपों पर हमला किया जहां पाकिस्तान पिछले 70 सालों से अवैध कब्जा किए हुए है।’ उसी इंटरव्यू में उन्होंने पाकिस्तान को जोक करार दिया। फतेह ने कहा था, ‘पाकिस्तान अपने आप में कोई देश नहीं है, ये सिर्फ एक माइडसेट है। अफगानिस्तान अफगानों का है, बांग्लादेश बंगालियों से है, कजाकिस्तान कजाक से है, पाकिस्तान का कौन है? पाकिस्तान हम सबसे किया गया एक मजाक था।’
तारिक फतेह ने उसी इंटरव्यू में कहा, ‘भारत के मुसलमान खुशकिस्मत हैं कि वे एक ऐसे देश में रह रहे हैं जहां वे खुलकर सांस ले सकते हैं और उन्हें ‘अल्लाह के इस्लाम’ में विश्वास करना चाहिए, न कि ‘मुल्ला के इस्लाम’ में।’
पाकिस्तान में हिंदू जज के अल्लाह के नाम की शपथ लेने की उन्होंने तीखी आलोचना की थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, ’24 मार्च, 2007 को न्यायमूर्ति राणा भगवानदास ने पाकिस्तान के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ इन शब्दों से ली, ‘परमशक्तिशाली अल्लाह मेरी सहायता और मेरा मार्गदर्शन करें, आमीन।’ कल्पना कीजिए कि यदि भारत, अमेरिका या कनाडा में किसी मुस्लिम जज को बाइबिल या गीता पर शपथ लेने के लिए मजबूर किया गया होता! आप दुनिया भर में सड़कों पर नाराज प्रदर्शनकारियों को पाते हैं। जब जस्टिस भगवानदास को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जा रहा था तो ये प्रदर्शनकारी कहां थे?’
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