शिलांग। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को मेघालय के लिए रवाना हुईं, जहां वह अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी पदाधिकारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगी। शिलांग एयरपोर्ट पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी का स्वागत किया। बता दें कि ममता बनर्जी के साथ टीएमसी के महासचिव और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी हैं।
उन्होंने फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा, वह 2023 में मेघालय चुनाव के मद्देनजर वहां टीएमसी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए पहुंची है। सूत्र ने बताया कि मेघालय की राजधानी शिलॉंग पहुंचने के बाद टीएमसी सुप्रीमो रबींद्रनाथ टैगोर के आवास का दौरा कर सकती हैं।
13 दिसंबर को क्रिसमस समारोह में हिस्सा लेंगी सीएम ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री 13 दिसंबर को क्रिसमस पूर्व समारोह में भी भाग लेंगी. गौरतलब है कि नवंबर 2021 में कांग्रेस के 12 विधायक टीएमसी में शामिल हो गए थे जिससे तृणमूल पर्वतीय राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल बन गयी। टीएमसी पूर्वोत्तर में असम और त्रिपुरा के साथ ही मेघालय में भी अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। तृणमूल पिछले 2 साल से त्रिपुरा में अपनी सांगठनिक ताकत का विस्तार कर रही है। इस बार उनका टारगेट मेघालय है। इस पूर्वोत्तर राज्य में कई पार्टी कार्यालय पहले ही खोले जा चुके हैं। तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने हाल ही में मेघालय का दौरा किया था। इससे पहले पिछले साल नवंबर में मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री और 5 बार के विधायक मुकुल संगमा तृणमूल में शामिल हुए थे. वर्तमान में मेघालय विधानसभा में विपक्षी दल तृणमूल है।
मेघालय में पार्टी के विस्तार में जुटी है तृणमूल कांग्रेस
अभिषेक बनर्जी ने 18 नवंबर को मेघालय का दौरा किया था. अभिषेक ने मेघालय की जमीन पर खड़े होकर एकता का संदेश दिया था। उन्होंने कहा था, “टीएमसी का मतलब विविधता में एकता है।” एनडीए शासित मेघालय में खड़े अभिषेक बनर्जी ने भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था। उनका सवाल था कि अगर भ्रष्टाचार के आरोप हैं तो भी यहां ईडी-सीबीआई जांच क्यों नहीं होती? साल 2018 के मेघालय विधानसभा चुनावों में, मेघालय में कांग्रेस बहुमत वाली पार्टी के रूप में उभरी थी। एनडीए ने 34 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी और इसके पीछे का मास्टरमाइंड नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक हिमंत बिस्वा शर्मा थे। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि तृणमूल अपना विस्तार भाजपा शासित राज्यों में कर रही है।चूंकि कांग्रेस मुकाबला नहीं कर पा रही है, इसलिए टीएमसी को मैदान में उतरना पड़ा है।
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