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उत्तर बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही : जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान अनिश्चितकाल के लिए बंद

जलपाईगुड़ी। उत्तर बंगाल में लगातार भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। तीस्ता, जलढाका सहित कई नदियाँ उफान पर हैं। इस विकट स्थिति को देखते हुए जलदापाड़ा. . .

जलपाईगुड़ी। उत्तर बंगाल में लगातार भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। तीस्ता, जलढाका सहित कई नदियाँ उफान पर हैं। इस विकट स्थिति को देखते हुए जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। फिलहाल पर्यटकों को उद्यान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

भूस्खलन से सड़कें क्षतिग्रस्त

डुआर्स, जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग में कई स्थानों पर भूस्खलन से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और संपर्क मार्ग टूट गया है। बाढ़ की वजह से उद्यान की कई सड़कों और पुलों को भी भारी नुकसान हुआ है। पर्यटकों और वनकर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

पर्यटकों कुंकी हाथियों की मदद से बाहर निकाला गया

पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्गा पूजा के मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, और जलदापाड़ा भी इसका प्रमुख केंद्र होता है। रविवार को कई पर्यटक उद्यान में फंस गए थे, जिन्हें कुंकी हाथियों की मदद से नदी के रास्ते बाहर निकाला गया। साथ ही, बाढ़ के कारण कई वन्यप्राणी बहकर या डर के मारे रिहायशी इलाकों में पहुंच गए हैं। उन्हें सुरक्षित रूप से वापस लाना वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
वन अधिकारी प्रवीण काशोवान ने बताया, “कल उद्यान में भारी मात्रा में पानी घुस गया जिससे सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचा। पर्यटक भी फंस गए थे। अब स्थिति की समीक्षा की जा रही है। जब तक हालात सामान्य नहीं होते, उद्यान बंद रहेगा।”

जलदापाड़ा से जुड़ा पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित

प्राकृतिक आपदा के कारण जलदापाड़ा से जुड़ा पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जलदापाड़ा के आसपास कई नदी बांध टूटने से पर्यटन व्यवसायियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। कई पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है। डुआर्स की ओर जाने वाले कई रास्ते और पुल बाढ़ में बह गए हैं, जिससे क्षेत्रीय पर्यटन उद्योग संकट में है।
भूटान से नागरकाटा होते हुए 31 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कालिखोला पुल खतरे की स्थिति में है, जिससे वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। यात्रियों और भूटान के नागरिकों को पैदल सफर करना पड़ रहा है। जलढाका नदी के बांध के टूटने से धूपगुड़ी क्षेत्र में कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

मंत्री अरूप विश्वास करेंगे दौरा

राज्य के मंत्री अरूप विश्वास और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य हालात का जायजा लेने सोमवार को प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। वहीं, अलीपुरद्वार के सांसद मनोज टिग्गा ने नागरकाटा में क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया और बताया कि डुआर्स की ‘लाइफलाइन’ कालिखोला पुल है, जिसे जल्द से जल्द दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे डुआर्स क्षेत्र में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है।