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कर्सियांग के बीजेपी विधायक ने फिर की उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने की मां, कहा- मैदानी इलाकों की तरह नहीं हुआ विकास

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दार्जिलिंग । पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग की पहाड़ियों में स्थित कर्सियांग सीट से भाजपा विधायक बिष्णु प्रसाद शर्मा ने गुरुवार को अपना आरोप दोहराया कि राज्य के पहाड़ी इलाकों का पश्चिम बंगाल के मैदानी इलाकों से कटाव है। उन्होंने दावा किया कि नेपाली कवि भानुभक्त की जयंती मैदानी इलाकों में नहीं मनाई जाती जबकि रवींद्रनाथ टैगोर की जंयती हर जगह मनाई जाती है। विधानभा में बजट पर चर्चा के दौरान शर्मा ने कहा, ‘आप मेरे द्वारा सदन में व्यक्त किए गए विचार से असहज हो सकते हैं कि दार्जिलिंग को अलग राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए क्योंकि पहाड़ों के लोग भावनात्मक रूप से मैदानी इलाकों से नहीं जुड़े हैं।’
उन्होंने कहा कि कई तथ्यों में से एक तथ्य पर गौर करें तो ‘हमारे राष्ट्र कवि भानु भक्ता आचार्य को मैदानी इलाकों में उनकी जयंती पर महत्व नहीं मिलता जबकि रवींद्रनाथ टैगोर की जंयती अति उत्साह से पहाड़ों में मनाया जाता है। बंगाल में लोगों द्वारा भेदभाव का महसूस कारण को इससे कोई भी समझ सकता है।’ इसके जवाब में वित्त राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘हमारी मुख्यमंत्री पहाड़ी क्षेत्र का निरंतर दौरा करती हैं और वह उस इलाके और वहां के लोगों को बंगाल का अभिन्न अंग मानती हैं।’
उन्होने कहा कि नए राज्य का निर्माण ही लोगों की समस्याओं को दूर करने का एकमात्र तरीका है। ‘पहाड़ी इलाकों में रहने वालों को बहुत लंबे समय से वंचित किया गया है। उत्तर बंगाल के विभिन्न समुदायों जैसे गोरखा, राजबंशी, आदिवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा विधायकों को डराया और आतंकित किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि उत्तर बंगाल एक अलग राज्य हो ताकि हमारी समस्याओं का समाधान हो सके।
इसके बाद में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने भी दावा किया कि पहाड़ी और उत्तरी बंगाल के लोग लंबे समय से वंचित हैं। वहीं उनके इस बयान पर मंत्री और टीएमसी के नेता फिरहाद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे राष्ट्र विरोधी मांग बताया है और बिष्णु प्रसाद शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।


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