नई दिल्ली। हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस साल मदर्स 14 मई यानि कल मनाया जाएगा।
वैसे तो मां के लिए किसी खास दिन की जरूरत नहीं होती है। लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के अनुसार मदर्स डे का मकसद इस दिन अपनी मां के लिए कुछ खास करना, कुछ खास बोलना होता है। मां को ये जताना बताया जाता है कि उनक जीवन में क्या अस्तित्व है। हम उन्हें कितना प्यार करते है। लेकिन मदर्स डे को लेकर एक सवाल पैदा होता है कि आखिर इस दिन की शुरुआत कैसे हुई?
हमारे जीवन में मां की तुलना साक्षात भगवान से की गई है, लेकिन मां के लिए एक दिन खास बनाने के बारे में किसने सोचा, किसने मदर्स-डे की शुरुआत की? इन सब सवालों के जवाब में छुपी हुई है एक लंबी 117 साल पुरानी कहानी
117 साल पुरानी हैं कहानी Mother’s day 2023
सन् 1864 में अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में एक लड़की का जन्म हुआ था। लड़की का नाम था एना जार्विस। इसी लड़की ने मदर्स-डे की शुरुआत की थी। उसकी मां की एक ख्वाहिश थी कि मां के लिए समर्पित एक दिन हो और उसे हॉलीडे भी घोषित किया जाए। लेकिन जार्विस की मां इसे लेकर कुछ नहीं कर पाईं, मगर सन् 1905 में उनके निधन के बाद जार्विस ने उनकी ये इच्छा पूरी की।
मां के निधन के तीन साल बाद 10 मई, 1908 को एना जार्विस ने मां की याद में एक मेमोरियल सेरेमनी आयोजित की। यह मदर्स डे की पहली आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है।
जार्विस ने मदर्स डे पर एक दिन की छुटटी कराने के लिए सरकार से काफी प्रयास किए लेकिन 1908 में यू.एस कांग्रेस ने उनके मदर्स डे हॉलीडे के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इतना ही नहीं इसका ये कहकर मजाक भी उड़ाया था कि कुछ लोग इसी तरह मदर-इन-लॉ डे भी मनाना चाहेंगे। लेकिन जार्विस ने अपनी कोशिश जारी रखी। इसका नतीजा यह हुआ कि 1911 में सभी यू.एस स्टेट्स में मदर्स डे (Mothers day 2023) की छुट्टी का ऐलान कर दिया गया।
क्या था मदर्स डे का मकसद
एना ने मदर्स-डे को मनाने के पीछे अपना मकसद भी जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि इस दिन लोग मां के त्याग को याद करें और उनकी सराहना करें। एना के इस सुझाव को दुनिया भर में पसंद किया गया और कई देशों में मदर्स-डे मनाया जाने लगा। इस बार मदर्स-डे14 मई को है। आप अपनी मां को मदर्स डे की शुभकामनाएं दे आप उन्हें यादगार के तौर पर तौहफा भी दे सकते है।
Comments are closed.