Headlines

सुवेंदु अधिकारी के काफिले पर हमला, वाहन क्षतिग्रस्तHrithik Roshan : ऋतिक रोशन ने इसके लिए दोबारा इंस्टॉल किया इंस्टाग्राम, बताया ‘अब तक का सबसे बेहतरीन शो’Bihar Traffic Rules : बिहार में ट्रैफिक रूल्स पर सख्ती: ये डॉक्यूमेंट साथ न हों तो फंस सकते हैं भारी जुर्माने मेंसुवेंदु अधिकारी के काफिले पर हमला, वाहन क्षतिग्रस्तHrithik Roshan : ऋतिक रोशन ने इसके लिए दोबारा इंस्टॉल किया इंस्टाग्राम, बताया ‘अब तक का सबसे बेहतरीन शो’Bihar Traffic Rules : बिहार में ट्रैफिक रूल्स पर सख्ती: ये डॉक्यूमेंट साथ न हों तो फंस सकते हैं भारी जुर्माने में
Home » लेटेस्ट » कश्मीर में फिर टारगेट किलिंग: आतंकियों ने बिहारी मजदूर को गोली मारी लौटा ही नहीं, 2017 से 2022 तक 28 प्रवासी मजदूरों की हत्या

कश्मीर में फिर टारगेट किलिंग: आतंकियों ने बिहारी मजदूर को गोली मारी लौटा ही नहीं, 2017 से 2022 तक 28 प्रवासी मजदूरों की हत्या

  श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के सदुनारा गांव में आतंकियों ने शुक्रवार तड़के एक मजदूर की गोली मार कर हत्या कर दी है। मजदूर बिहार के मधेपुरा जिला का रहने वाला था। इसकी पहचान मोहम्मद अमरेज (19 साल) के. . .

 

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के सदुनारा गांव में आतंकियों ने शुक्रवार तड़के एक मजदूर की गोली मार कर हत्या कर दी है। मजदूर बिहार के मधेपुरा जिला का रहने वाला था। इसकी पहचान मोहम्मद अमरेज (19 साल) के रूप हुई है। घटना के बाद पुलिस इलाके में सर्च अभियान चला रही है। कश्मीर पुलिस ने एक बयान में कहा कि आतंकियों ने मजदूर पर गोलियां चलाईं और घायल कर दिया। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। अमरेज यहां पर मजदूरी करता था।
भाई बोला- सोया था, तभी होने लगी फायरिंग
अमरेज के भाई ने मीडिया को बताया कि हम दोनों भाई सो रहे थे, तभी भाई ने मुझे उठाकर बोला कि फायरिंग हो रही है, लेकिन मैंने बोला कि ये होता रहता है, सो जा। कुछ देर बाद भाई टॉयलेट के लिए गया और फिर लौटा नहीं। मैं उसे खोजने गया तो देखा कि वो खून से लथपथ था। मैंने सुरक्षाबलों से संपर्क किया और उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
4 महीने में 11 की हत्या, बिहारी सबसे ज्यादा
कश्मीर में पिछले 4 महीने में टारगेट किलिंग के 11 मामले सामने आए हैं। वहीं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2022 में टारगेट किलिंग के 16 मामले सामने आए। इधर, केंद्र सरकार ने सदन में बताया कि कश्मीर में आतंकी मजदूरों को भी निशाना बना रहे हैं।
2017 से 2022 तक 28 प्रवासी मजदूरों की हत्या
आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में 2017 से 5 जुलाई 2022 तक 28 प्रवासी मजदूरों की हत्या की। इनमें सबसे ज्यादा बिहार के 7 मजदूर मारे गए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र के 2 और झारखंड के 1 मजदूर की हत्या हुई। पुलिस का मानना है कि हताश आंतकियों ने अपनी रणनीति बदल दी है और अब वे अल्पसंख्यकों, निहत्थे पुलिसकर्मियों, मासूम नागरिकों, राजनेताओं और महिलाओं को निशाना बना रहे हैं।
घाटी में लगातार क्यों हो रही गैर-कश्मीरी की हत्या?
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, टारगेटेड किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई योजना है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेटेड किलिंग कि घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खासतौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी सॉफ्ट टागरेट बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।
प्रोपेगेंडा फैलाकर घाटी में एक्टिव रहने की साजिश
आईएसआई कश्मीरी लोगों के बीच ये प्रोपेगेंडा फैला रही है कि आर्टिकल 370 हटने के बाद बाहर से आने वाले प्रवासी कामगार उनकी नौकरियां और जमीनों पर कब्जा जमा लेंगे। इस दुष्प्रचार के जरिए वह कश्मीर में पाक समर्थक आतंकी संगठनों के लिए फिर से समर्थन जुटाने की कोशिशों में लगा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन टारगेटेड किलिंग्स के जरिए आतंकियों का एक मकसद घाटी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद आतंकियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई ने कश्मीर में उन्हें कमजोर बना दिया है।

Trending Now

कश्मीर में फिर टारगेट किलिंग: आतंकियों ने बिहारी मजदूर को गोली मारी लौटा ही नहीं, 2017 से 2022 तक 28 प्रवासी मजदूरों की हत्या में पॉपुलर

पॉपुलर न्यूज़

एक्सक्लूसिव न्यूज़