नई दिल्ली। भारत ने पत्रकार राणा अयूब के न्यायिक उत्पीड़न के आरोपों को ‘निराधार और अनुचित’ बताया है। भारत की तरफ से ये प्रतिक्रिया यूएन के उस ट्वीट के बाद आई है, जिसमें यूएन के एक्सपर्ट्स ने राणा अयूब के खिलाफ ऑनलाइन महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों की जांच की मांग की थी।
यूएन जीनेवा के अकाउंट से 21 फरवरी को हुए एक ट्वीट में कहा गया था, “यूएन एक्सपर्ट्स जोर देकर कहते हैं कि पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ लगातार ऑनलाइन महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों की भारतीय अधिकारियों द्वारा तुरंत और पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए, और उनके खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न को तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। ”
जीनेवा में भारतीय मिशन ने यूएन के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है—
” तथाकथित न्यायिक प्रताड़ना संबंधी आरोप बेबुनियाद और अनावश्यक हैं। भारत में कानून का राज है। हालांकि, यह भी पूरी तरह साफ है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। हम सही जानकारी रखने की अपेक्षा रखते हैं। भ्रामक सूचनाओं को बढ़ावा देने से केवल सरां मिशन की छवि खराब होगी।” इस बीच, नयी दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिनेवा में भारतीय मिशन इस मामले को संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के समक्ष उठाएगा।”
क्या है पूरा मामला
दरअसल, जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भारत की पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ हुए महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों के बारे में ऑनलाइन ट्वीट किया गया था। ट्वीट में कहा गया था कि, भारतीय राणा अयूब के खिलाफ इस तरह के हमलों पर भारत सरकार को संज्ञान लेना चाहिए और भारतीय अधिकारियों को इसकी पूरी जांच करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अयूब के खिलाफ न्यायायिक प्रताड़ना खत्म होनी चाहिए। इसी ट्वीट के जवाब में भारत नें भी संयुक्त राष्ट्र के आरोपों पर कड़ा पलटवार किया है।
राणा अयूब के खिलाफ चल रहा मनी लॉन्ड्रिंग का केस
पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की जांच कर रहा है। आरोप है कि उन्होंने ऑनलाइन क्राउड फंडिंग के जरिए राहत कार्य के लिए जो राशि जुटाी थी उसे इयूब ने अपने निजी खर्चे के लिए इस्तेमाल किया था। ईडी ने बीते दिनों उनके यहां से 1.77 करोड़ रुपये से अधिक राशि कुर्क की थी। ये मामला पत्रकार द्वारा अप्रैल 2020-जून 2021 के बीच शुरू किए गए तीन क्राउडफंडिंग कैंपेन से संबंधित है, जिसे वर्चुअल प्लेटफॉर्म केटो पर शुरू किया गया था। ईडी के मुताबिक, अयूब ने डोनेशन का गलत इस्तेमाल किया।
आरोपों से इनकार
अयूब ने 11 फरवरी को पैसों की हेराफेरी के आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि “रिलीफ कैंपेन फंड का हिसाब है और व्यक्तिगत खर्चों के लिए पैसों के दुरुपयोग के किसी भी आरोप की कोई गुंजाइश नहीं है। “
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