कूचबिहार में हिंसा का दौर जारी, तृणमूल और भाजपा कार्यकताओं पर हुए हमले, दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर लगया आरोप
कूचबिहार । पश्चिम बंगाल का कूचबिहार जिला हिंसा के लिए काफी प्रसिद्ध हो चुका है, चुनाव चले लोक सभा का हो या राज्य सभा का यहां राजनितिक हिंसा होना आम बात है। लेकिन दुखद बात तो यह है कि जब चुनाव नहीं होता है, तब भी कूचबिहार जिले में हिंसा का दौर बदस्तूर जारी रहता है। पिछले दो दिनों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर हमले हुए है और दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने इसके लिए एक दूसरे को दोषी ठहराया है।
एक नए मामले में तृणमूल कार्यकर्ताओं पर भाजपा कार्यकर्ता की दुकान व घर में तोड़फोड़ करने और सामान लूटने का आरोप लगा है। भाजपा की इस आरोप के बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। यह घटना माथाभांगा प्रखंड 1 के हजरहाट 2 ग्राम पंचायत के हजरहाट बाजार क्षेत्र की है। देर रात हजरहाट के भाजपा कार्यकर्ता देबाशीष मंडल के घर पर पथराव किया गया और लाठी-डंडों से तोड़फोड़ की गयी।
हालाँकि तृणमूल ग्राम पंचायत सदस्य दीपक बर्मन ने इस संबंध में सभी आरोपों से इनकार किया हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल का कोई भी व्यक्ति इस घटना में शामिल नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि यह बर्बरता फेसबुक पर एक पोस्ट की समस्या के कारण हुई है।
दूसरी तफर कूचबिहार का वेटागुरी में राजनीतिक हिंसा हुई है मंगलवार की रात दिनहाटा प्रखंड-1 में वेटागुरी रेलगेट स्थित तृणमूल कार्यालय पर हमला हुआ है। आरोप है कि आसामाजिक तत्वों ने कार्यालय में तोड़फोड़ की है, सिर्फ इतना ही नहीं तीर-धनुष से हमला करने का आरोप भी लगाया गया है। इस हमले में ब्लॉक 1 के अध्यक्ष अनंत बर्मन और तृणमूल के तीन अन्य कार्यकर्ता घायल हो गए है। घटना के बाद घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। इस घटना से पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है।हालांकि पुलिस ने इस घटना में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।
बताते चले इन सभी घटनाओं के लिए तृणमूल के तफर से बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। हालांकि, कूचबिहार उत्तर दिनाजपुर विधानसभा के भाजपा विधायक सुकुमार रॉय ने सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक तृणमूल के हमले के डर से वेटागुरी इलाके में छिपे हुए हैं। वे कैसे तृणमूल पर हमला करेंगे।
उन्होंने ने कहा कि एक दिन पहले तृणमूल के जिलाध्यक्ष पार्थ प्रतिम राय को हटाकर अभिजीत दे भौमिक को पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। तृणमूल में इसको लेकर गुटबाजी देखी जा रही है और यह हमला भी तृणमूल के गुटबाजी का ही नतीजा है। तृणमूल के दो गुटों के विवाद को सुलझाने और जिलाध्यक्ष बदलने पर तृणमूल के शीर्ष कुछ भी नहीं रहे है, वे गड़बड़ी करना चाहते हैं और भाजपा पर दबाव बना कर आरोप लगाना चाहते हैं।
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