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कैंसर से जिंदगी की लड़ाई : इन 5 क्रिकेटरों ने लड़ी कैंसर से आखिरी सांस तक मौत की जंग, पर नहीं हासिल कर सके जीत

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डेस्क। जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक कैंसर से जंग लड़ रहे हैं। उनकी हालत काफी नाजुक बताई जा रही है। भारतीय टीम के पूर्व स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क समेत कई ऐसे क्रिकेटर हैं जो कैंसर को मात दे चुके हैं। हालांकि हर किसी की किस्मत ऐसी नहीं होती है। कई क्रिकेटर कैंसर से जंग में हार चुके हैं। हम आपको आज ऐसे ही 5 नामों के बारे में बताने जा रहे हैं।
मैल्कम मार्शल
क्रिकेटर का कोई भी ऐसा फैन नहीं है जो मैल्कम मार्शल को नहीं जानता हो। 80 के दशक में हर बल्लेबाज में उनकी स्पीड का खौफ होता था। 41 साल की उम्र में कोलन कैंसर की वजह से मार्शल की मौत हो गई थी। मार्शल की गिनती आज भी सबसे बड़ी तेज गेंदबाज के रूप में होती है। उनके नाम 81 टेस्ट में 376 विकेट हैं।
सलीम दुर्रानी
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी की मौत इसी साल हुई है। अप्रैल में कैंसर की वजह से वह दुनिया से चल बसे थे। वह भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले अफगानिस्तान में जन्मे एकमात्र खिलाड़ी हैं। 29 टेस्ट के करियर में उन्होंने 1202 रन बनाए। इसके साथ ही 74 बल्लेबाजों को आउट भी किया।
सर फ्रैंक वॉरेल
सर फ्रैंक वॉरेल ने 1948 से 1963 के बीच वेस्टइंडीज के लिए 51 टेस्ट खेले। इसमें उनके नाम 49.48 की औसत से 3860 रन हैं। उन्होंने 69 बल्लेबाजों को आउट भी किया था। 1951 में उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी चुना गया था। वेस्टइंडीज की कप्तानी करने वाले पहले ब्लैक क्रिकेटर वॉरेल की मौत 42 साल की उम्र में ही हो गई थी। 1966-67 में वह वेस्टइंडीज के मैनेजर बनकर भारत दौरे पर आए थे। तभी कैंसर का पता चला था।
रिची बेनो
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व गेंदबाज रिची बेनो को क्रिकेट की आवाज कहा जाता था। 63 मैच के टेस्ट करियर में उन्होंने 248 विकेट लिए और 2201 रन भी बनाए। वह टेस्ट में 200 विकेट लेने के साथ ही 2000 रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर थे। क्रिकेट से संन्यास के बाद बेनो कमेंटेटर बन गए। यहां उनकी ख्याति और बढ़ी। 2014 में 84 साल की उम्र में स्किन कैंसर ने बेनो की जान ले ली।
​​फ्रेड ट्रूमैन​
इंग्लैंड के फ्रेड ट्रूमैन टेस्ट में 300 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज थे। 1961 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीड्स टेस्ट में 24 गेंदों के भीतर उन्होंने बिना कोई रन दिए 5 विकेट ले लिए थे। 2006 में कैंसर की वजह से ट्रूमैन की मौत हो गई। 2018 में इंग्लैंड के ग्रेटेस्ट प्लेइंग इलेवन में उन्हें जगह मिली थी।


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