डेस्क। कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का प्रकोप बेशक खत्म हो गया लेकिन अब दुनिया के सामने एक नया संकट पैदा हो गया है। इस नई आफत का नाम डिजीज एक्स (Disease X) है। बता जा रहा है कि यह कोरोना से 20 गुना खतरनाक है और इससे कम से कम 50 मिलियन लोगों की मौत हो सकती है। इस खबर के बाद पूरी दुनिया सदमे में है। यूके वैक्सीन टास्कफोर्स के अध्यक्ष रह चुकी हेल्थ एक्सपर्ट केट बिंघम ने डेली मेल को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया है कि डिजीज एक्स स्पेनिश फ्लू (1919-1920) जितना विनाशकारी हो सकता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) पांच महीने पहले ही डिजीज एक्स को लेकर चेतावनी दे चुका है। इसे डिजीज का नाम डब्ल्यूएचओ ने ही दिया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, डिजीज एक्स एक नया एजेंट हो सकता है, यह एक वायरस, एक बैक्टीरिया या फंगस हो सकता है। चिंता की बात यह है कि फिलहाल इसका कोई इलाज दुनिया में नहीं होगा। चलिए समझते हैं कि डिजीज एक्स क्या है, इसे कोरोना से घातक क्यों माना जा रहा है और किस तरह यह 20 मिलियन लोगों की मौत का कारण बन सकता है।
डिजीज एक्स क्या है
वास्तव में डिजीज एक्स किसी बीमारी का नाम नहीं है। यह एक टर्म है जिसका यूज ऐसी बीमारी के के लिए किया जाता है, जो इन्फेक्शन से पैदा होती है और इसकी खबर मेडिकल साइंस में किसी को नहीं होती है। कुल मिलाकर इस बारे में अभी किसी डॉक्टर, वैज्ञानिक या एक्सपर्ट्स को कुछ नहीं पता है। इसे आप एक उदहारण से समझें। इस टर्म का पहली बार साल 2018 में यूज किया गया था और अगले साल 2019 में कोरोना वायरस नामक बीमारी आ गई थी।
50 मिलियन लोगों की जा सकती है जान
डेली मेल में अपने इंटरव्यू (Ref) में चिंता व्यक्त करते हुए बिंघम ने कहा, ‘1918-19 फ्लू महामारी ने दुनिया भर में कम से कम 50 मिलियन लोगों की जान ले ली, जो प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की तुलना में दोगुना था। डिजीज एक्स से आज हम इसी तरह की मौत की उम्मीद कर सकते हैं।
कोरोना से खतरनाक होगी डिजीज एक्स
उन्होंने कहा, कोविड-19 के मामले में एक तरह से हम भाग्यशाली रहे। इसके कारण दुनिया भर में 20 मिलियन या अधिक मौतें हुईं। अच्छी बात यह है कि वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग ठीक होने में कामयाब रहे। डिजीज एक्स की कल्पना करें तो इसकी इबोला की मृत्यु दर (लगभग 67 प्रतिशत) जितनी ही संक्रामक है। दुनिया में कहीं न कहीं इसकी पुनरावृत्ति हो रही है और देर-सबेर कोई न कोई बीमार महसूस करने लगेगा।
WHO ने मई में दे दी थी चेतावनी
WHO चीफ डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने मई में जिनेवा में हुई वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की मीटिंग में डिजीज एक्स को लेकर चेतावनी दी थी। टेड्रोस ने कहा था कि दुनिया में एक और महामारी कभी भी आ सकती है जिससे बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है। इसका सामना करने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होकर तैयार रहना चाहिए।
डिजीज एक्स पर WHO की चेतावनी
अनुमान है कि डिजीज एक्स किसी वायरस, बैक्टीरिया या फंगस से फैल सकता है। दुखद यह इसके लिए कोई टीका या उपचार नहीं है, जैसा कि कोरोना वायरस का नहीं था। कुछ एक्सपर्ट मान रहे हैं कि डिजीज एक्स जूनोटिक होगा यानी यह जंगली या घरेलू जानवरों में पैदा होगा और फिर इंसानों को संक्रमित करेगा। इबोला, एचआईवी/एड्स और कोविड-19 जूनोटिक प्रकोप थे।
सबसे बड़ा सवाल, डिजीज एक्स को कैसे रोकें
बिंघम ने कहा है कि अगर दुनिया को डिजीज एक्स के खतरे से निपटना है, तो बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के लिए तैयार होना होगा और तय समय में खुराक देनी होगी। WHO ने भी इस बात पर जोर दिया था कि डिजीज एक्स रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। इसकी रोकथाम के लिए दुनियाभर के मेडिकल एक्सपर्ट सभी संभावित उपाय और शोध कर रहे हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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