खौफनाक खुलासा : जिंदा को भी मौत की नींद सुला देता है यह ‘डॉक्टर’ ! बच्चों को जल्द ठीक करने को देता था स्टेरॉयड
पलवल। हरियाणा के पलवल के होडल में बस स्टैंड के पास राहुल क्लिनिक पर सीएम फ्लाइंग दस्ते ने छापा मारा और दस्ते ने जो देखा वो हैरान कर देने वाला था। इस क्लिनिक का डॉक्टर छोटे-छोटे बच्चों का इलाज कर रहा था। जब सीएम फ्लाइंग दस्ते ने क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर अमर सिंह से लाइसेंस और कागजात मांगे तो उसके पास कुछ नहीं मिला। सीएम फ्लाइंग ने भारी मात्रा में दवाइयों को कब्जे लिया है और क्लिनिक चला रहे डॉक्टर और सह डॉक्टर को लिया हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है।
सीएम फ्लाइंग दस्ते के डीएसपी राजेश चेची ने जानकारी देते हुए बताया कि हमें सूचना मिली थी कि होडल के बस स्टैंड के पास राहुल क्लीनिक नाम से 7 से 8 बेड का अस्पताल चलाया जा रहा है। इस अस्पताल में बतौर डॉक्टर इलाज करने वाले व्यक्ति के पास लोगों का इलाज करने और अस्पताल चलाने की कोई वैध डिग्री नहीं है। डॉक्टर द्वारा छोटे-छोटे बच्चों को स्टेरॉयड जैसी घातक दवाई दी जाती है, जो एक बार तो मरीज को ठीक कर देती है लेकिन बाद में भारी नुकसान देती हैं। यदि संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ अचानक चेकिंग की जाए तो फर्जी डॉक्टर का खुलासा हो सकता है।
राजेश चेची ने बताया कि इस सूचना के आधार पर जगदीश निरीक्षक, सतबीर सिंह उप निरीक्षक, ASI शिवकुमार, प्रभुदयाल द्वारा डॉ अक्षय जैन मेडिकल ऑफिसर सिविल अस्पताल पलवल, डॉ संदीप गहलान ड्रग्स कंट्रोल अधिकारी फरीदाबाद और स्थानीय पुलिस के साथ राहुल क्लीनिक होडल का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान राहुल क्लीनिक में एक व्यक्ति लोगों का इलाज करता हुआ मिला, जिससे पूछताछ की तो उसने अपना नाम अमर सिंह निवासी गांव भिडूकी हाल तुलाराम कॉलोनी होडल पलवल बताया। इस दौरान क्लीनिक में करीब 10 से 15 मरीज इलाज कराने के लिए बैठे हुए थे। अस्पताल में 7 से 8 बेड रखे हुए थे, जिन पर मरीजो का इलाज हो रहा था।
निरीक्षण के दौरान क्लीनिक के बाहर लगे बोर्ड पर राहुल क्लीनिक नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ रजिस्ट्रेशन नंबर 22406, मोबाइल नंबर 9802324540 लिखा हुआ मिला। बतौर डॉक्टर कार्य कर रहे अमर सिंह से इलाज करने के लिए वैध डिग्री और अस्पताल चलाने संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा गया, लेकिन मौके पर कोई वैध दस्तावेज या डिग्री पेश नहीं की गई। अमर सिंह ने बताया कि वह 12 वीं तक पढ़ा लिखा है और उसने पलवल में बच्चों के अस्पताल राहुल और डायमंड अस्पताल में काफी दिनों काम किया है। इसी के आधार पर वह बच्चों और बड़ों का इलाज करता है, लेकिन उसने ना तो डॉक्टरी पढ़ाई की है ना ही उसके पास कोई वैध डिग्री है. इतना ही नहीं उसके पास राहुल क्लीनिक और बोर्ड पर लिखे रजिस्ट्रेशन संबंधित भी कोई दस्तावेज नहीं मिले।
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