पणजी। गोवा की राजनीति में उतरकर कांग्रेस और राकांपा जैसी पार्टियों में सेंध लगाने वाली ममता को दिन में तारे दिखने लगे हैं। एक के बाद एक करके भाग रहे नेताओं में रविवार को कर्टोरिम से विधायक लौरेंको भी शामिल हो गए। तृणमूल में शामिल होने के 1 माह के भीतर ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
गोवा के पूर्व विधायक एलेक्सो रेजिनाल्डो लौरेंको बीते माह ममता बनर्जी के साथ आए थे। लौरेंको कर्टोरिम से विधायक थे और कांग्रेस की गोवा इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष थे। उन्होंने दिसंबर में पार्टी और राज्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। माना जा रहा था कि वो ममता के लिए काफी मददगार साबित होंगे। लौरेंको राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। कांग्रेस में वो बहुत अहम किरदार में थे।
लौरेंको ने बनर्जी को टीएमसी छोड़ने के अपने फैसले के बारे में सूचित करने के लिए एक पत्र भेजा है लेकिन उसमें उन्होंने पार्टी छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया है। उधर, भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए माइकल लोबो ने लौरेंको को कांग्रेस में लौटने के लिए आमंत्रित किया। उनका कहना है कि इस अहम लड़ाई में लौरेंको का कांग्रेस में लौटना बेहद जरूरी है। उन्हें फिर से अपनी पार्टी में लौटने का फैसला जल्द से जल्द करना चाहिए।
गोवा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को तृणमूल और आप पर तंज कसते हुए कहा कि ये दोनों पार्टियां अपनी कल्पना में पहले ही तटवर्ती राज्य में सत्ता में आ चुकी हैं। इस बार के गोवा के चुनावी दंगल में भाजपा, कांग्रेस, एमजीपी, जीएफपी जैसी परंपरागत प्रतिस्पर्धी पार्टियों के अलावा अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप और ममता बनर्जी की टीएमसी भी मुकाबले में उतरी है।
गोवा में 14 फरवरी को मतदान होगा। चालीस सदस्यीय गोवा विधानसभा के लिए वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में आप को कोई सफलता नहीं मिली थी। इस बार के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पहले से ही गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के साथ गठबंधन की घोषणा कर चुकी है, जबकि टीएमसी ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ गठबंधन किया है। टीएमसी ने गोवा में को टक्कर देने के लिए हाल ही में कांग्रेस और आप के साथ महागठबंधन बनाने का संकेत दिया था।
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