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घर से मिला था नोटो का अंबार, बीजेपी एमएलए हुआ गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला?

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नई दिल्ली। रिश्वत मामले में कर्नाटक के भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस महीने की शुरूआत में भाजपा विधायक के बेटे प्रशांत कुमार को लोकायुक्त ने 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। इसके बाद लोकायुक्त ने विधायक के घर पर छापेमारी की। 40 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े जाने के बाद मारे गये छापे में विधायक पुत्र के घर से छह करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी बरामद की।
भाजपा विधायक ने अपने बेटे के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। रिश्वत लेते हुए प्रशांत कुमार एमवी को रंगे हाथों पकड़े जाने के तीन दिन बाद रविवार को भी उसके पिता व भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा फरार हो गए थे। इसके बाद विरुपक्षप्पा ने जमानत के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया। कर्नाटक हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिद की जमानत याचिका
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार यानी 27 मार्च को कर्नाटक सोप्स एंड डिटरजेंट्स लिमिटेड (केएसडीएल) से जुड़े रिश्वत मामले में भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा की जमानत याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कांग्रेस ने साधा था निशाना
कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक के पुत्र की भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को कहा कि यह साबित हो गया है कि प्रदेश में ‘40 प्रतिशत कमीशन सरकार’ है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘‘यह बहुत खराब है। यह साबित हो गया है कि कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन सरकार है।”
केजरीवाल बोले- डबल इंजन सरकार में डबल भ्रष्टाचार
आप संयोजक केजरीवाल ने कहा एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से राज्य में भ्रष्टाचार दोगुना हो गया है। उन्होंने लोगों से भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार को उखाड़ फेंक ‘नए इंजन’ वाली सरकार चुनने का आग्रह किया। भाजपा केंद्र और राज्य दोनों जगह उसकी सरकार के लिये ‘डबल-इंजन सरकार’ शब्द का इस्तेमाल करती है। कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राज्य में 40 फीसदी कमीशन की सरकार चल रही है। केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘कर्नाटक के लोग अच्छे हैं, लेकिन नेता अच्छे नहीं हैं। उन्होंने दुनिया के सामने राज्य को बदनाम और बर्बाद कर दिया। यहां 40 फीसदी कमीशन की सरकार है, जिसमें हर सार्वजनिक काम में 40 फीसदी कट लिया जाता है।”
भाजपा विधायक ने दी थी सफाई
अपने मकान और कार्यालय से 8.23 करोड़ रुपये जब्त होने के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदल विरुपक्षप्पा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उक्त धनराशि सुपारी की बिक्री से मिली थी। चन्नागिरि से विधायक एवं कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट लिमिटेड के अध्यक्ष वीरुपक्षप्पा ने उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद चन्नेशपुर में संवाददाताओं से कहा कि यह भारत के इतिहास में पहली बार है कि सत्तारूढ़ दल के विधायक के खिलाफ छापा मारा गया। यह स्वीकार करते हुए कि उनके घर में मिला धन उनके परिवार का है, भाजपा विधायक ने कहा, ‘‘हमारे तालुक को सुपारी की भूमि के रूप में जाना जाता है। हमारी सुपारी भूमि में एक साधारण किसान के घर में पांच से छह करोड़ रुपये होते हैं। मेरे पास 125 एकड़ सुपारी का खेत, सुपारी का बाजार है और मेरे कई अन्य व्यवसाय भी हैं। मैं लोकायुक्त को उचित दस्तावेज प्रस्तुत करूंगा और अपना पैसा वापस लूंगा।”
विधायक ने दिया इस्तीफा
विरुपक्षप्पा ने शुक्रवार को इस पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री को भेजे अपने त्याग पत्र में उन्होंने कहा कि उनके और लोकायुक्त अधिकारियों के छापे के बीच कोई ‘संबंध’ नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने इस कार्रवाई को अपने और अपने परिवार के खिलाफ साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद, चूंकि मेरे खिलाफ आरोप लगाया गया है, तो मैं नैतिक जिम्मेदारी ले रहा हूं और केएसडीएल अध्यक्ष के पद से अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं।”


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