जयंती पर सविंधान के रचियता डॉ..भीमराव अंबेडकर को पूरा देश कर रहा याद, उत्तर बंगाल सहित सिलीगुड़ी में दी गयी श्रद्धांजली
सिलीगुड़ी। भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की आज जयंती है। उनका जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था। इस दिन को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में ‘अंबेडकर समानता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। पूरे देश के साथ उत्तर बंगाल और सिलीगुड़ी में भी आज सविंधान के रचियता डॉ.भीमराव अंबेडकर के याद किया जा रहा है।
सिलीगुड़ी नगर निगम और सिलीगुड़ी अंबेडकर सोसाइटी ने एक साथ मिलकर अंबेडकर की जयंती मनाई गई। आज मेयर गौतम देव सहित अन्य गणमान्य लोगों ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजली दी।
इस अवसर पर मेयर गौतम देव ने कहा कि डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर को भारतीय संविधान के पिता के रूप में सम्मानित किया गया, क्योंकि उनकी अध्यक्षता में ही संविधान सभा ने दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान तैयार किया था। अंबेडकर जयंती को मनाने के पीछे का कारण जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने में न्यायविद के समर्पण को याद करना है। डॉक्टर भीम राव अंबेडकर ने एक ऐसे भारत की कल्पना की जहां सभी नागरिकों को कानून के तहत समान माना जाए और उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए अभियान भी चलाया था।
इसके साथ ही आज मालदा जिला भाजपा नेतृत्व द्वारा ओल्ड मालदा के मौलपुर ग्रामीण अस्पताल के परिसर में डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर का जन्मदिन मनाया गया। गुरुवार की सुबह भाजपा ने संबंधित ग्रामीण अस्पतालों में मरीजों के बीच फल बांटने का कार्यक्रम हुआ। इसके बाद डॉ. अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई, इस दौरान ओल्ड मालदा के भाजपा विधायक गोपाल साहा, पार्टी के उत्तर मालदा के केंद्र के आयोजन अध्यक्ष उज्जवल दत्ता, ओल्ड मालदा के भाजपा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सुजीत दास और स्नेहांशु भट्टाचार्य सहित अन्य नेता उपस्थित रहे
इसके अलावा इंग्लिशबाजार नगर पालिका में देश के संविधान के संस्थापक भारत रत्न स्वर्गीय डॉ बीआर अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई गयी। इंग्लिशबाजार नगर पालिका के अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी, पार्षद दुलाल सरकार, गौतम दास, पूजा दास व अन्य ने झलझालिया क्षेत्र में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दिया।
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