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टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोगों की मौत : क्या सचमुच टाइटैनिक में रहती है भूतों की गैंग? जानें 111 साल पहले डूबे टाइटैनिक से जुड़े रोचक तथ्य

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डेस्क। टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने टाइटन पनडुब्बी से गए पांच लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है। रहस्यमयी रूप से पनडुब्बी गायब होने के बाद उसका मलबा मिला। इसके बाद से ही टाइटैनिक से जुड़े किस्से कहानियां फिर वायरल हो रहे हैं। कुछ लोग इसे भुतहा भी बताते हैं।
जिस टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने टाइटन पनडुब्बी पहुंची थी वह 111 साल पहले यानी 15 अप्रैल 1912 को आइसबर्ग से टकराकर डूबा था। इस जहाज का सफर 10 अप्रैल 1912 में शुरू हुआ था।
कहा जाता है कि टाइटैनिक के डूबने से तकरीबन 1517 लोगों की मौत हो गई थी। लगभग एक सदी से भी ज्यादा समय से पानी की गहराईयों में दफ्न टाइटैनिक को भुतहा भी माना जाता है। इसे लेकर कई किस्से कहानियां प्रचलित हैं। माना जाता है कि इस त्रास्दी में मरने वाले लोगों की आत्मा इस जहाज में आज भी रहती हैं।
टाइटन पनडुब्बी के रहस्यमयी रूप से गायब होने और अब सभी पांच यात्रियों की मौत होने से टाइटैनिक के भुतहा होने की कहानियों फिर चर्चा में हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि टाइटैनिक का मलबा ढूंढने में करीब 73 साल लग गए थे। 1 सितंबर 1985 को जीन-लुई मिशेल और डॉ. रॉबर्ट बलार्ड नाम के साइंटिस्ट ने जहाज के मलबे का पता लगाया था।
टाइटैनिक जहाज उस दौर में भी बेहद लग्जीरियस और सर्वसुविधा युक्त था। ये पानी पर चलता एक महल था। जहाज के अंदर का इंटीरियर लंदन के होटल ‘द रिट्ज’ से इंस्पायर्ड था। यह होटल आज भी है, जहां जाकर आप टाइटैनिक का अनुभव ले सकते हैं।
टाइटैनिक का मलबा समुद्र तल में 4 किलोमीटर की गहराई में मौजूद है जहां सूर्य की रोशनी भी नहीं पहुंचती। इसका मलबा देखने गए कई वैज्ञानिक इसमें पैरानॉर्मल एक्टिविटी होने का दावा करते हैं। वहीं कई पैरानॉर्मल एक्सपर्ट इसमें भूतों की गैंग होने का दावा भी करते हैं।


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