सिलीगुड़ी में काफी पहले से डेंगू से लोग संक्रमित हो रहे है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से शहर में डेंगू ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पहले डेंगू से लोग पीड़ित हो रहे थे और ठीक हो जा रहे थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लोगों की लगातार मौतें हो रहीं है। सिलीगुड़ी में अब तक सरकारी आंकड़ों के अनुसार 21 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ स्वास्थ्य सेवा से जुड़े संस्थाओं का मानना है कि डेंगू से होने वाली मौत का आंकड़ा काफी ज्यादा है, क्योंकि शहर के बस्ती इलाको में कई मौतें हुई है, जो बुखार से पीड़ित थे और अस्पताल में भर्ती नहीं किये गये।
सिलीगुड़ी नगर निगम के अनुसार निगम इलाके में डेंगू के मामलों की संख्या 386 है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह संख्या हज़ारों में है, क्योंकि कई लोग ऐसे है जिन्होंने जांच ही नहीं करवाया है और किसी कैमिस्ट से दवाइया लेकर खा रहे है।
आपको बता दें कि पिछले अड़तालीस घंटे के भीतर शहर में डेंगू से एक और मौत हो गई है। कुछ दिन पहले तृणमूल कांग्रेस के वार्ड अध्यक्ष के बाद आज गुरूवार को सिलीगुड़ी नगर निगम के एक अस्थायी सफाई कर्मचारी की डेंगू से मौत हो गई है। केवल सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में अब तक डेंगू से 21 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, वर्तमान में सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में डेंगू के मामलों की संख्या 386 है और इसमें लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
पिछले चार महीने में डेंगू के मामलों की संख्या तीन हजार आठ सौ को पार कर गई है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक दिलीप राउत (35) नाम के युवक की मौत डेंगू से हुई है। वह सिलीगुड़ी नगर पालिका के बोरो नंबर 3 के तहत वार्ड नंबर 25 के अस्थायी सफाईकर्मी हैं। वह 28 नंबर वार्ड के अंबेडकर कॉलोनी का रहनेवाला था । 31 अक्टूबर को उसे बुखार हो गया। फिर उसके परिवार ने पहले उसे सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में उसे डेंगू होने की पुष्टि हुई । इसके बाद अचानक उसके प्लेटलेट्स गिर जाने पर उन्हें नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। लेकिन वहां प्लेटलेट्स कम होने से एक के बाद एक उसके अंग काम करना बंद कर दिया। गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई।
साफ है कि डेंगू जानलेवा बन चुका है , इसलिए शहरवासियों को अब अब अपनी सुरक्षा खुद ही करनी होगी। डेंगू से अपनी सुरक्षा कैसे करनी है, यह सभी को पता है और शायद यह बताने की जरूरत नहीं है।
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