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दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और सिक्किम में शाखाएं खोलेगा आरएसएस, मोहन भागवत ने दिए निर्देश

कोलकता। पश्चिम बंगाल में कोरोना और मार्च-अप्रैल 2021 में विधानसभा चुनावों के बाद कथित रूप से हुई हिंसा के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस की लगभग 150 शाखाएं बंद हो गयी हैं। राज्य में संघ की लगभग 1800-1900 शाखाएं है।. . .

कोलकता। पश्चिम बंगाल में कोरोना और मार्च-अप्रैल 2021 में विधानसभा चुनावों के बाद कथित रूप से हुई हिंसा के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस की लगभग 150 शाखाएं बंद हो गयी हैं। राज्य में संघ की लगभग 1800-1900 शाखाएं है। पश्चिम बंगाल के लगभग एक सप्ताह के दौरे के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने इन शाखाओं को जल्द से जल्द फिर से सक्रिय करने और मार्च तक खोलने का निर्देश दिया है। बता दें कि मोहन भागवत ने 10 फरवरी को हैदराबाद से बागडोगरा हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी थी। उन्होंने 14 फरवरी तक नक्सलबाड़ी में डेरा डाला और आरएसएस की ओर से संचालित स्कूल शारदा विद्या मंदिर में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित किया था। मोहन भागवत 17 फरवरी को पूर्वी बर्दवान जिले और उसके पहले 31 जनवरी को दो दिनों तक कोलकाता में पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी।
आरएसएस के दक्षिण बंग प्रांत के प्रचार प्रमुख बिप्लब रॉय ने बताया कि संघ की शाखा दैनिक होती हैं, जिम्मेदार स्वयंसेवकों की ईमानदारी और समर्पण के साथ शाखा का संचालन किया जाता है। हालांकि कुछ शाखाएं कोरोना महामारी और अन्य कारणों से अनियमित हैं, फिर भी स्वयंसेवकों को विभिन्न सामाजिक जिम्मेदारियों जैसे सेवा कार्य, स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव समारोह आदि में शामिल किया गया है। हाल में स्वयंसेवकों के प्रयासों से पश्चिम बंगाल के आम लोगों ने करीब आठ करोड़ लोगों ने सूर्य प्रणाम कार्यक्रम में शिरकत की थी। नेताजी की जयंती के अवसर पर दक्षिण बंगाल की 749 शाखाओं में मौजूद थे। वे निरंतर सेवा कार्य के तहत कोबिड रोगी को सहयोग, कोविड बाद में चिकित्सा सहायता, शिक्षण के लिए मददगार सामग्री, वैकल्पिक कमाई प्रशिक्षण और सहायता उपलब्ध कराने के कार्य में युक्त रहते हैं।
एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि संघ बंगाल के दार्जिलिंग, कलिम्पोंग पहाड़ियों और निकटवर्ती राज्य सिक्किम में अपनी शाखाएं खोलना चाहता है, जहां संगठन की अब तक लगभग कोई उपस्थिति नहीं है या शीत काल में ये शाखाएं बंद हो जाती हैं। आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारी ने बताया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की बैठक में इन इलाकों में संगठन को और मजबूत करने का निर्णय किया गया है। यहां संघ की शाखाएं और नियमित रूप से संचालित होंगी। उत्तर बंगाल क्षेत्र में हमारी गतिविधियों के मूल्यांकन के दौरान यह बताया गया कि दार्जिलिंग, कलिम्पोंग जिलों और सिक्किम राज्य की पहाड़ियों में बच्चों के लिए हमारी कोई शाखा या स्कूल नहीं है। जब पदाधिकारियों ने बताया कि इस तरह के अभियान को चलाने के लिए मैदानी इलाकों के लोगों के लिए पहाड़ी इलाकों की यात्रा करना मुश्किल है, तो मोहन भागवत ने कहा कि हमें स्थानीय लोगों की भर्ती शुरू करनी चाहिए। इन क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों का विस्तार करना चाहिए।
मोहन भागवत ने बंगाल में संगठन को मजबूत बनाने पर दिया है जोर
बता दें कि आरएसएस ने हाल ही में बंगाल को तीन संगठनात्मक क्षेत्रों में विभाजित किया था और आरएसएस प्रमुख ने तीन क्षेत्रों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी. बंगाल में आरएसएस के संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है तथा कोरोना महामारी के कारण बंद शाखाओं को जल्द से जल्द खोलने का भी निर्देश दिया गया है। आरएसएस ने बंगाल में शाखाओं की संख्या डबल करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें गतिरोध पैदा हो गया है, हालांकि सेवा कार्य पर जोर दिया जा रहा है।

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