देश में है एक ऐसा स्टेशन जहां नहीं है प्लेटफॉर्म नंबर वन ! जाने देश के किस राज्य में है यह अनोखे रेलवे स्टेशन
बेगूसराय। देश की लाइफ लाइन कही जाने वाले भारतीय रेल से लाखों लोग यात्रा करते हैं। वहीं, भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा और एशिया में सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जबकि आपने रेलवे स्टेशन का अजीबोगरीब नाम (भूतिया स्टेशन) तो जरूर सुना होगा, लेकिन हम आपको आज एक अनोखे रेलवे स्टेशन के बारे में बता रहे हैं, जहां आप प्लेटफॉर्म नबंर वन ढूंढते रह जाएंगे। हैरानी की बात ये है कि आपकी तमाम कोशिशों के बाद भी यह प्लेटफॉर्म मिलेगा नहीं। यह स्टेशन कोई और नहीं बल्कि बरौनी रेलवे जंक्शन है। बिहार के बेगूसराय जिला स्थित बरौनी रेलवे जंक्शन का नाम एशिया में सबसे ज्यादा भूमि वाले स्टेशनों में शुमार होता है।
बेगूसराय जिले में रहने वाले रेल के जानकारों ने बताया कि पहली बार बेगूसराय जिले में गढ़हरा रेलवे स्टेशन की स्थापना 1860 में हुई थी। इसके बाद 1883 में गढ़हरा स्टेशन को बंद कर तीन किलोमीटर उत्तर में बरौनी रेलवे जंक्शन बनाया गया। तब से लेकर अब तक बरौनी जंक्शन से ही होकर देश के विभिन्न हिस्से के लिए ट्रेन गुजरती है। यहां से तकरीबन 1 लाख यात्री रोजाना सफर करते हैं, इस जंक्शन की पहचान दिलवाने का काम आजादी के करीब 17 साल बाद 1959 हुआ। जब ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल मिथलांचल के प्रवेश द्वार सिमरिया स्थित गंगा नदी पर राजेन्द्र पुल का निर्माण कार्य पूरा हुआ। इसके बाद उत्तर बिहार की प्रगति में एक नई क्रांति आयी, जबकि बरौनी में विद्युत तापघर की स्थापना 1960 में होने से इलाका गुलजार होने लगा। वहीं, 1964 में बरौनी रिफायनरी के खुलने के बाद गढ़हरा में हीं 1966 में एशिया के सबसे बड़े एक रेल शेड का निर्माण हुआ। इसके बाद बरौनी फर्टिलाइजर की स्थापना 1967 में हुई और 1976 में यहां खाद का उत्पादन आरम्भ हो गया। इन सभी स्थानों पर ट्रेन का आवागमन बरौनी जंक्शन से ही होकर पूरे देश में होता रहा, जिसके कारण पूरे देश में यह स्टेशन चर्चा का केंद्र बना रहा।
बरौनी स्टेशन पर 2 से 9 नंबर तक है प्लेटफॉर्म
रेल यात्री संघ के सदस्य सुरेंद्र साह बताते हैं कि अंग्रेजों के जमाने से यहां पर प्लेटफार्म संख्या एक है ही नहीं है। देश के दूसरे शहरों से आते समय बताया जाता है कि ट्रेन प्लेटफार्म नंबर एक पर रुकेगी। वहीं, कभी-कभी प्लेटफार्म संख्या एक पर ट्रेन के रुकने की घोषणा भी कर दी जाती है। यात्री प्लेटफार्म संख्या एक को खोजने में परेशान रहते हैं, लेकिन बरौनी रेलवे जंक्शन पर अब तक प्लेटफॉर्म संख्या एक का निर्माण नहीं हो सका है। हालांकि कुछ स्थानीय लोग मजकिया लहजे में लोगों को दो किलोमीटर दूर प्लेटफॉर्म संख्या एक बता देते हैं। इसको लेकर पूर्व मध्य रेलवे के सूचना जनसंपर्क अधिकारी बिरेंद्र कुमार बताते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे प्लेटफार्म संख्या एक बताया जाता है वह दरअसल शहर का दूसरा रेलवे स्टेशन है। वहीं, बरौनी रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म संख्या एक क्यों नहीं है, इसकी जानकारी रेलवे को भी नहीं है.
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