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नदी की गर्भ में समा रहे हैं लोगों के घर, गदाधर नदी की कटाव से मुश्किल में हैं 60 परिवार, प्रशासन की मदद की देख रहे राह

कूचबिहार। पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश का कहर थम गया है , लेकिन बारिश थमने के बावजूद लोगों की मुसीबतें थमने की नाम नहीं ले रही है। दरअसल पूरे उत्तर बंगाल में घटती बारिश के साथ ही. . .

कूचबिहार। पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश का कहर थम गया है , लेकिन बारिश थमने के बावजूद लोगों की मुसीबतें थमने की नाम नहीं ले रही है। दरअसल पूरे उत्तर बंगाल में घटती बारिश के साथ ही नदी का पानी घट रहा है, लेकिन नदी का जलस्तर कम होने से नदी का कटाव शुरू हो गया है।
तुफानगंज के देवचराय ग्राम पंचायत क्षेत्र में गदाधर नदी में कटाव शुरू हो जाने से देवचराय ग्राम पंचायत के झरझारी क्षेत्र के निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नदी का जलस्तर घटने के साथ ही कटाव शुरू हो गया है। नदी कटाव में एक घर पहले ही नदी के गर्भ में समा चुका है। खेत की जमीन से शुरू होकर गदाधर नदी धीरे-धीरे घरों को निगल रही है।
स्थानीय लोगों की शिकायत है कि क्षेत्र में कई वर्षों से नदी का कटाव हो रहा है। नदी के कटाव को रोकने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा बांध बनाने की मांग काफी लम्बे समय से की रही हैं। आरोप है कि प्रशासन द्वारा क्षेत्र में आकर नापने के बाद भी बांध नहीं बनाया गया।
झारझारी क्षेत्र के रहने वाले बकुल चंद्र शील प्रशासन की उदासीनता के चलते अपना घर गंवा बैठे हैं। बकुल चंद्र शील का घर पहले ही नदी के गर्भ में समा चुका है। फिलहाल बकुल को अपने परिवार की चिंता सता रही हैं, क्योंकि उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है। सिर्फ बकुल ही नहीं इलाके के कई लोगों का घर भी नदी जल ही अपने चपेट में ले सकती है। इसी तरह अगर कटाव जारी रहा तो कुछ दिनों के भीतर ही इलाके का मुख्य रास्ता भी नदी के अंदर चला जायेगा। नदी के कटाव से 50 से 60 परिवार मुश्किल में हैं। वे अब बेबस होकर प्रशासन के सहयोग के इंतजार में दिन काट रहे हैं।

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