कोलकाता । पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी को सीबीआई ने फिर आज बुलाया है । कल भी जांच एजेंसी ने करीब तीन घंटे तक पूछताछ की थी।
आपको बता दें कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पश्चिम बंगाल के मंत्री परेश चंद्र अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है। राज्य सरकार से सहायता प्राप्त एक स्कूल में अध्यापिका के तौर पर अपनी बेटी की कथित अवैध नियुक्ति के मामले में सीबीआई अधिकारियों के समक्ष मंत्री के उपस्थित होने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक समय सीमा निर्धारित की थी, लेकिन वह (मंत्री) उपस्थित होने में नाकाम रहे। इसके बाद, उनके खिलाफ जांच एजेंसी ने प्राथमिकी दर्ज की। मंत्री को सीबीआई के समक्ष गुरुवार दोपहर तीन बजे तक उपस्थित होना था।
एफआईआर दर्ज होने के बाद परेश चंद्र अधिकारी सीबीआई के सामने पेश हुए। उनसे एजेंसी ने करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षा राज्य मंत्री अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के अलावा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को अधिकारी को दोपहर तीन बजे तक सीबीआई के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था, लेकिन उनके वकील ने कहा कि वह कूचबिहार में हैं और शाम को विमान से कोलकाता जाएंगे। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने तब बिधाननगर पुलिस से कहा कि जैसे ही वह कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरें, उन्हें सीबीआई कार्यालय ले जाएं।
अदालत ने यह भी कहा कि अगर अधिकारी उड़ान में नहीं पाए जाते हैं, तो इसे अदालत और सीबीआई से बचने के लिए उनका झांसा माना जाएगा और ऐसा होने पर मामले से उसके मुताबिक ही निपटा जाएगा।
अदालत ने शुरू में मंत्री को 17 मई को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। एक याचिका में दावा किया गया है कि याचिकाकर्ता से कम अंक पाने के बावजूद अधिकारी की बेटी को एक अध्यापिका तौर पर नियुक्त कर दिया. तृणमूल कांग्रेस के नेता बुधवार को भी एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे।
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