न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में भाग लेने पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब एक भारतीय पत्रकार ने उनसे सीमा पार आतंकवाद को लेकर सवाल पूछ लिया। भारतीय पत्रकार के सवाल पर शहबाज शरीफ को कोई जवाब नहीं देते बना। यह वाकया संयुक्त राष्ट्र के अंदर हुआ जब, शहबाज शरीफ पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ निकल रहे थे। उसी दौरान एक पत्रकारने उनसे सीमा पार आतंकवाद पर कड़ा सवाल पूछ लिया।
भारतीय पत्रकार ने पूछा, प्रधानमंत्री शरीफ कब आप सीमा पार से जारी आतंकवाद को रोकने जा रहे हैं? इस सवाल पर शरीफ को कोई जवाब नहीं देते बना और अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ चुपके से निकल लिए। शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने भारत को लेकर जहर उगला था। शहबाज ने भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र करते हुए खुद ही पाकिस्तानी सेना की पीठ थपथपा दी थी।
पाकिस्तान को भारत का करारा जवाब
बाद में शहबाज शरीफ के भाषण पर अपने उत्तर देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए भारत ने सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का आतंकी चेहरा बेनकाब किया था। भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने कहा था कि यह वही पाकिस्तान है जिसने पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदार आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बचाया था। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने उस वक्त आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को दशकों तक पनाह दी, जब इस्लामाबाद खुद को आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में शामिल बता रहा था।
पाकिस्तानी सेना की बहादुरी की खुली पोल
भारतीय राजनयिक ने शहबाज को जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शांति की बात कर रहे हैं। अगर उनके अंदर सच्चाई है, तो रास्ता साफ है। पाकिस्तान को तुरंत सभी आतंकवादी शिविर बंद करने चाहिए और भारत में वांटेड आतंकवादियों को सौंप देना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तानी सेना की कथित बहादुरी की भी पोल खोल दी और कहा, 9 मई तक पाकिस्तान भारत पर और हमलों की धमकी दे रहा था। लेकिन 10 मई को पाकिस्तान सेना ने हमसे सीधे लड़ाई बंद करने की गुहार लगाई। क्योंकि इस बीच भारतीय सेना ने पाकिस्तान के हवाई अड्डों पर तबाही ला दी थी।
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