पाकिस्तान में नहीं रुक रहा हिंदुओं का धर्म परिवर्तन, मंत्री के बेटे के सामने 50 हिंदुओं काहुआ ‘सरकारी’ धर्म परिवर्तन
नई दिल्ली। पाकिस्तान में एक समारोह आयोजित कर करीब 50 हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया गया। खास बात यह रही कि यह समारोह पाकिस्तान के प्रमुख शहर कराची में मंत्री के बेटे के सामने आयोजित किया गया। धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों की प्रतिक्रिया तो सामने नहीं आई है। लेकिन धर्म परिवर्तन कराने वाले संगठन से जुड़े कार्यकर्ता ने कहा कि किसी ने इस्लाम धर्म में बदलने के लिए मजबूर नहीं किया। सभी ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन कराने का फैसला लिया है। दूसरी ओर हिंदू संगठनों का दावा है कि इन लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। हिंदू संगठनों ने कहा कि इससे पहले भी पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें आती रहती है। लोग जान बचाने के लिए डर के मारे इस्लाम कबूल कर रहे हैं।
मंत्री के बेटे की मौजूदगी में धर्म परिवर्तन
हालिया धर्म परिवर्तन के बारे में मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के कराची में स्थित मीरपुरखास डिवीजन में रहने वाले 10 हिंदू परिवारों के कम से कम 50 सदस्यों ने इस्लाम धर्म अपनाया है। इन लोगों के धर्म परिवर्तन के लिए बाकायदा एक समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें पाकिस्तान सरकार के मंत्री के बेटे भी शामलि थे।
धार्मिक मामलों के मंत्री का बेटा आयोजन में था शामिल
पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार धार्मिक मामलों के मंत्री मोहम्मद तल्हा महमूद के बेटे मोहम्मद शमरोज़ खान के अगुवाई में धर्म परिवर्तन का आयोजन किया गया। ऐसे में कुछ लोग इसे सरकारी धर्म परिवर्तन समारोह भी बता रहे हैं। धर्म परिवर्तन से जुड़े कार्यक्रम का आयोजन मीरपुरखास के स्थानीय मदरसा बैत-उल-ईमान, न्यू मुस्लिम कॉलोनी में किया गया था।
धर्म परिवर्तन करने वालों ने कही ये बात
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने धर्म परिवर्तन करने वाले वोलों में शामिल कारी तैमूर राजपूत से बातचीत करते हुए बताया कि 10 हिंदू परिवारों के 50 सदस्यों ने इस्लाम धर्म अपना लिया है। कारी तैमूर राजपूत ने कहा कि वे सभी ने अपने मन से इस्लाम धर्म में परिवर्तित हो गए। उन्होंने कहा कि इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर नहीं किया गया।
4 महीने तक मदरसे में रहेंगे सभी लोग, मिलेगी रोटी, कपड़ा, दवाई
धर्म बदल कर इस्लाम अपनाने वाले कारी तैमूर राजपूत ने कहा कि इस्लाम कबूल करने वाले सभी लोग मदरसे में रहेंगे। वो चार महीनों तक नए धर्म के बारे में पढ़ाई करेंगे और उनके नियमों को सीखेंगे। इन चार महीनों के दौरान संगठन उन्हें कपड़े, भोजन और दवाइयां देगा। चार महीने रहने के बाद धर्मान्तरित लोगों को कहीं भी जाने की अनुमति दी जाएगी।
हिंदू कार्यकर्ता ने धर्मांतरण रोकने के लिए कानून की मांग की
इधर सामूहिक धर्मांतरण पर नाराजगी जाहिर करते हुए हिंदू कार्यकर्ताओं ने इस पर रोक के लिए कानून बनाने की मांग की है। हिंदू कार्यकर्ता फकीर शिव कुच्ची ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य इन धर्मांतरणों में शामिल है। स्थानीय समुदाय के सदस्य पिछले पांच सालों से सरकार से इस प्रथा के खिलाफ कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
Comments are closed.