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पिछले डेढ़ साल से लाश को जिंदा मानकर उसके साथ सो रहा था परिवार, बताया क्यों नहीं किया अंतिम संस्कार?

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कानपुर । उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसे सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। दरअसल, यह एक परिवार पिछले डेढ़ साल से आयकर अधिकारी की लाश के साथ रह रहा था। बल्कि, पूरा परिवार लाश के साथ सो भी रहा था। इस मामले की जानकारी तब हुई जब स्वास्थ्य विभाग की एक टीम उनके घर पहुंची। इस दौरान परिवार के लोगों ने बताया कि आयकर अधिकारी कोमा में है। हालांकि, सच्चाई यह है कि अस्पताल ने डेढ़ साल पहले ही उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया था।
जैसे ही ये खबर इलाके में फैली, हड़कंप मच गया। तो वहीं, स्थानीय निवासियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकार ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया। हालांकि परिजनों ने शुक्रवार शाम शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। जिसके चलते पुलिस ने कागजी कार्रवाई के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों ने देर शाम पुलिस की मौजूदगी में भैरव घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कर दिया।
जानकारी के अनुसार, आर्डनेंस फैक्टरी से रिटायर्ड कर्मचारी राम औतार रोशन नगर में परिवार के साथ रहते हैं। तीन बेटों में सबसे छोटा बेटा विमलेश (35) अहमदाबाद में इनकम टैक्स में असिस्टेंट अकाउंटेंट ऑफिसर के पद पर था। अप्रैल 2021 में इलाज के लिए विमलेश को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था और उनका डेथ सर्टिफिकेट भी उनके परिवार वालों को दे दिया गया था। शव को घर लाने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही थीं। तभी मां राम दुलारी ने विमलेश के दिल की धड़कन आने की बात कहकर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद करीब डेढ़ साल से मृतक का शव घर के अंदर एक पलंग पर रखा गया था। इस दौरान वो उसकी देखभाल करते रहे। परिजन लोगों से बताते रहे कि विमलेश कोमा में हैं। मगर, एक दिन पहले जब आयकर विभाग द्वारा जांच के लिए कानपुर के सीएमओ कार्यालय को एक पत्र भेजा गया, तो 23 सितंबर को पूरे मामले का खुलासा हो गया है। आस-पास के लोगों को जैसे ही ये जानकारी हुई, तो वे यह जानकर हैरान रह गए।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जानकारी देते हुए पिता राम औतार और मां ने बताया कि उनका बेटा डेढ़ साल से इसी हालत में है। हमने उसके शरीर पर कोई केमिकल नहीं लगाया है। शरीर में कहीं पानी निकलता था तो गंगाजल से साफ कर देते थे। शुरुआत में कुछ महीने बदबू आई, पर कुछ महीने बाद बदबू आनी बंद हो गई थी। हमारा बेटा जिंदा है। बताया कि जिस वक्त वो अपने बेटे को घर लेकर आए, तो हमने देखा कि उसकी नब्ज चल रही थी। उसकी दिल की धड़कन भी थी, इसलिए हमने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया।’


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