सिलीगुड़ी। भूस्खलन प्रभावित उत्तर बंगाल में दो भाजपा नेताओं पर हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकार के बीच राजनीतिक टकराव शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून-व्यवस्था को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आलोचना की। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम पर प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। बंगाल सीएम और देश के पीएम के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच सियासत गरमाने लगी और दूसरे नेता भी इसमें उतर आए।
उत्तर बंगाल में मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ आई। इस घटना में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। कई लापता हो गए। घटना के एक दिन बाद, भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष प्रभावित इलाकों में पहुंचे। जलपाईगुड़ी के नागराकाटा में भीड़ ने उनके ऊपर हमला कर दिया।
पीएम मोदी ने क्या कहा
इस घटना ने चल रहे सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन बीच राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले के लिए सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि काश बंगाल सरकार और तृणमूल कांग्रेस ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में हिंसा में लिप्त होने के बजाय लोगों की मदद करने पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित करतीं।
प्रधानमंत्री ने रात 11 बजे पोस्ट की, ‘पश्चिम बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की सेवा करने वाले हमारे पार्टी सहयोगियों, जिनमें एक मौजूदा सांसद और विधायक भी शामिल हैं, पर जिस तरह से हमला किया गया, वह बेहद भयावह है। यह तृणमूल कांग्रेस की असंवेदनशीलता और राज्य में कानून-व्यवस्था की बेहद दयनीय स्थिति को दर्शाता है।’ उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से बचाव कार्यों में सहायता जारी रखने का आग्रह करते हुए कहा, ‘मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से लोगों के बीच काम करते रहने और चल रहे बचाव कार्यों में सहायता करने का आह्वान करता हूं।’
ममता बनर्जी का पलटवार
राहत कार्यों की निगरानी के लिए उत्तर बंगाल में मौजूद बनर्जी ने देर रात प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर अब तक का अपना सबसे तीखा हमला बोला। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद चिंताजनक है कि भारत के प्रधानमंत्री ने उचित जांच का इंतज़ार किए बिना ही एक प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का फ़ैसला किया है, खासकर तब जब उत्तर बंगाल के लोग विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के बाद के हालात से जूझ रहे हैं।’
प्रधानमंत्री पर बिना सबूत के व्यापक आरोप लगाने का आरोप लगाते हुए, बनर्जी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने बिना किसी सत्यापित सबूत, कानूनी जांच या प्रशासनिक रिपोर्ट के सीधे तौर पर टीएमसी और पश्चिम बंगाल सरकार को दोषी ठहराया है। किसी भी लोकतंत्र में, क़ानून को अपना काम करना चाहिए, और केवल उचित प्रक्रिया ही दोषसिद्धि का निर्धारण कर सकती है-न कि किसी राजनीतिक मंच से किया गया ट्वीट।
भड़की बीजेपी
इससे पहले दिन में, शंकर घोष ने वीडियो पोस्ट किया। इसमें घायल मुर्मू के चेहरे और नाक से खून बहता हुआ दिखाई दे रहा था। घोष ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े स्थानीय लोगों ने दोनों को लात-घूंसे मारे और पत्थर फेंके। भाजपा ने दावा किया कि बाढ़ और भूस्खलन पीड़ितों से संपर्क करने की कोशिश करते समय उसके नेताओं पर हमला किया गया।
केंद्रीय राज्य मंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मुर्मू और घोष पर ममता-पुलिस की मौजूदगी में बर्बर हमला किया गया। सत्तारूढ़ दल ने पलटवार करते हुए इस घटना को विपक्ष की फोटो खिंचवाने की राजनीति का नतीजा बताया। उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने कहा, ‘हम किसी भी हिंसा का समर्थन नहीं करते, लेकिन स्थानीय लोग भड़के हुए थे। लोग पीड़ित और हताश हैं, और भाजपा नेता मीडिया की सुर्खियां बनने के लिए वहां पहुंचे। यह घटना उनके अपने उकसावे का नतीजा थी।’
ममता बनर्जी ने संयम बरतने की अपील की
बनर्जी ने इससे पहले दिन में संयम और एकता की अपील की थी और लोगों से मौजूदा संकट के बीच किसी भी अप्रिय घटना में शामिल न होने का आग्रह किया था। दार्जिलिंग में स्थिति पर नज़र रखने के लिए डेरा डाले हुए राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की और व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया।
दार्जिलिंग हादसे को बताया मानव निर्मित
ममता बनर्जी ने इस आपदा को मानव निर्मित बताया और दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को अनियंत्रित पानी छोड़ने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया, जिससे मैदानी इलाकों के बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई। उन्होंने ड्रेजिंग कार्यों और जल प्रबंधन में कथित रूप से केंद्र सरकार की लापरवाही की आलोचना की और कहा कि ऐसे संकट के समय राजनीति को लोगों के जीवन पर कभी भी तरजीह नहीं दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की और प्रत्येक शोक संतप्त परिवार के एक सदस्य को होमगार्ड की नौकरी देने का वादा किया। मिरिक, दार्जिलिंग और दुआर्स क्षेत्र की पूरी बस्तियां बह गई हैं, जबकि पुल और सड़कें नष्ट हो गई हैं, जिससे कई चाय बागानों और गांवों तक पहुंच टूट गई है। जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार ज़िलों के कई चाय बागानों को भारी फ़सल और बुनियादी ढांचे का नुकसान हुआ है।
ममता बनर्जी