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बच्‍चे को ये एक चीज सिखाने वाले पैरेंट्स, जिंदगीभर रहते हैं बेफिक्र, नहीं रहती है 0% भी टेंशन

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यूनिवर्स टीवी (पाम्पा रॉय )
पैरेंट बनने के बाद आपकी जिंदगी और प्रायोरिटीज पूरी तरह से बदल जाती हैं। अब आपकी पूरी जिंदगी घूमती है अपने बच्‍चे के ईर्द-गिर्द। अक्‍सर पैरेंट्स अपने बच्‍चे की फिजीकल हेल्‍थ पर ध्‍यान देने लगते हैं लेकिन उन्‍हें ये पता नहीं होता है इमोशनल हेल्‍थ भी जरूरी है।
पैरेंट्स को यह जानना चाहिए कि बच्‍चों की डेवलपमेंट के लिए इमोशनल इंटेलिजेंस भी जरूरी है और आपको उन तरीकों के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिनकी मदद से बच्‍चें की इमोशनल ग्रोथ को बढ़ाया जा सकता है। अगर आपको खुद अपनी लाइफ या बचपन में इमोशनल सपोर्ट नहीं मिला है, तो आपके बच्‍चे के लिए ये चीज और भी ज्‍यादा जरूरी हो जाती है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि किन तरीकों से आप अपने बच्‍चे की इमोशनल इंटेलिजेंस को बढ़ा सकते हैं।
क्‍या है इमोशनल इंटेलिजेंस
अपनी खुद की भावनाओं को व्‍यक्‍त करने, उन्‍हें कंट्रोल करने और समझने की क्षमता को इमोशनल इंटेलिजेंस (आईक्‍यू) कहते हैं। इतना ही नहीं यह दूसरों की भावनाओं पर प्रतिक्रिया देने, उसे समझने की क्षमता से भी जुड़ा है। सबसे पहले 1950 में साइकोलॉजिस्‍ट अब्राहत मैसलो ने इमोशनल स्‍ट्रेंथ के महत्‍व की की थी।
​खुद से करें शुरुआत
अगर आप खुद की मदद नहीं कर सकते हैं, तो आप अपने बच्‍चे के लिए भी कुछ नहीं कर पाएंगे। पहले खुद इमोशनली स्‍ट्रॉन्‍ग बनें और फिर अपने बच्‍चे को भावनात्‍मक रूप से मजबूत बनाने पर काम करें।
​सहानुभूति दिखाएं
अपने बच्‍चे को दूसरों से सहानुभूति रखना सिखाएं। उसे बताएं कि जब कोई मुश्किल में हो या परिश्रम कर रहा हो, तो हमें उसकी मदद करने के बारे में सोचना चाहिए। आप इसके लिए रियल लाइफ के उदाहरण भी ले सकते हैं – जैसे कि रीना आंटी बहुत स्‍ट्रेस में हैं, क्‍या हमें उनकी मदद करनी चाहिए?
​खुद रोल मॉडल बनें
यहां भी हम आपको वही चीज समझा रहे हैं कि बच्‍चा अपने पैरेंट्स को देखकर ही सीखता है। आप अपने पार्टनर की बात पर कितना गुस्‍सा करते हैं, कैसे रिएक्‍ट करते हैं, खुद पर कितना ध्‍यान देते हैं, ये सब आपका बच्‍चा आपसे सीख सकता है। जब बच्‍चा आपको एक्‍सरसाइज, मेडिटेशन और सोशलाइज करते देखेगा, तो वो भी यही सीखेगा।
​सोशल स्किल्‍स
पैरेंट बनने के बाद आप अपने दोस्‍तों से कितना और कैसे बात करते हैं, इस सबका असर बच्‍चे पर पड़ता है। बच्‍चे से रोज सोशल लाइफ, पारिवारिक मूल्‍यों, सही और गलत व्‍यवहार और सोशन बाउंड्री बनाने के बारे में बात करें। इससे बच्‍चे को समझ आएगा कि उसे किस तरह के दोस्‍त बनाने हैं और हमारी इमोशनल स्‍ट्रेंथ में दोस्‍त बहुत अहम होते हैं।
​किताबों की मदद लें
कुछ सीखने, जानने और आगे बढ़ने के लिए पढ़ना बेहतरीन तरीका है। आप किताबों की मदद से भी बच्‍चे को इमोशनली इंटेलिजेंट बना सकते हैं। किताबों में उसे कई तरह की सिचुएशनों के बारे में जानने का मौका मिलेगा और उसे समझ आएगा कि वहां पर किस व्‍यक्‍ति ने कैसे रिएक्‍ट किया।


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