नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव के दौरान कांग्रेस ने घोषणापत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी। उसके बाद बीजेपी ने इसे बजरंग बली से जोड़ दिया था। इस मामले में अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को संगरूर कोर्ट ने समन भेजा है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बजरंग बली का मुद्दा काफी हावी रहा। क्योंकि कांग्रेस ने चुनाव जीतने के बाद बजरंग दल को बैन करने का वादा किया। लेकिन बीजेपी ने इसे बजरंग बली के अपमान से जोड़ दिया। भले ही कांग्रेस बजरंग दल विवाद के बीच जीत हो गई हो, लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष खरगे नई मुसीबत में पड़ गए हैं। उन पर बजरंग दल का नाम बदनाम करने के आरोप लगे हैं। कांग्रेस की जीत के जश्न के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को संगरूर की एक अदालत ने मानहानि केस में समन भेज दिया है। संगरूर में हिंदू सुरक्षा परिषद बजरंग दल हिंद के हितेश भारद्वाज ने उनके खिलाफ स्थानीय अदालत में मानहानि का केस किया था। इस केस में यह आरोप लगाया गया था कि मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल पर अपमानजनक टिप्पणी और अभद्र टिप्पणी की थी और उसे बदनाम करने का प्रयास किया था।
10 जुलाई को पेश होने को कहा
संगरूर सिविल जज रमनदीप कौर ने कांग्रेस अध्यक्ष को 10 जुलाई को पेश होने कहा है। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे पर केस करने के साथ ही बजरंग दल ने उनसे कथित अपमान के लिए 100 करोड़ रुपए की मांग भी की है। हिंदू सुरक्षा परिषद बजरंग दल हिंद के हितेश भारद्वाज ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बजरंग दल की तुलना देश विरोधी संगठन से की है और कर्नाटक में सरकार बनने पर बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही है।
इस मामले में विश्व हिन्दू परिषद् के यूथ विंग दावा किया कि कांग्रेस ने घोषणापत्र में पेज संख्या 10 पर बजरंग दल पर बैन का वादा किया है। कांग्रेस के अध्यक्ष ने बजरंग दल की तुलना प्रतिबंधित संगठन PFI और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट्स ऑफ इंडिया से की थी। विश्व हिन्दू परिषद् के चंडीगढ़ यूनिट ने कांग्रेस अध्यक्ष को 4 मई को कानूनी नोटिस भेजा था और 14 दिनों के भीतर विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल को 100 करोड़ रुपए देने कहा था।
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