नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की कमान संभालने वाले महेंद्र सिंह धोनी फिर चर्चाओं में आ गए हैं। धोनी के ऊपर बिहार के बेगूसराय में एफआईआर (FIR) दर्ज हुई है। बेगूसराय में न्यू ग्लोबल उपज बर्द्धक लिमिटेड के चैयरमैन और धोनी समेत कंपनी के 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअसल, यह पूरा मामला धोखाधड़ी का है।
धोनी यह केस एक खाद विक्रेता ने 30 लाख रुपए चेक बाउंस होने के बाद दर्ज कराया है। यह पूरा मामला दो कंपनियों के बीच हुए विवाद का है। एसके इंटरप्राइजेज बेगुसराय नामक एजेंसी के साथ एक खाद कंपनी ने अपने प्रोडक्ट की बिक्री को लेकर बॉन्ड किया था। कंपनी की ओर से खाद भेजा गया, लेकिन उसकी मार्केटिंग में सहयोग नहीं किया गया। सहयोग न मिलने के कारण प्रोडक्ट की बिक्री के क्रम में भारी मात्रा में उवर्रक बच गया। इसके बाद एजेंसी के मालिक नीरज निराला ने कंपनी पर असहयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी वजह से उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है। नीरज ने आरोप लगाया है कि, पिछले साल 2021 में उन्होंने 36 लाख 86 हजार रुपए देकर फर्टिलाइजर की मार्केटिंग करने वाली कंपनी का सीएनएफ लिया था। प्रॉडक्ट की मार्केटिंग उत्साहवर्द्धक नहीं होने के कारण उन्होंने कंपनी के द्वारा भेजा गया फर्टिलाइजर वापस कर दिया। जिसके बदले कंपनी ने 30 लाख रुपए का चेक जारी किया। इस चेक को बैंक में क्लीयरेंस के लिए दिया गया जो बाद में बाउंस हो गया।
चेक बाउंस होने के बाद निराला ने कंपनी को लीगल नोटिस भी भेजा, लेकिन कंपनी ने इसके कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद नीरज निराला ने कंपनी की ओर के विज्ञापन करने वाले एमएस धोनी समेत सभी सात लोगों के खिलाफ सीजेएम रूम्पा कुमारी के समक्ष परिवाद पत्र दायर किया है। न्यायालय ने धारा 406, 420 और 138 एनआई एक्ट के तहत इस मुकदमे को जांच के लिए न्यायिक दंडाधिकारी अजय मिश्रा के पास ट्रांसफर कर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 28 जून की तारीख दी है। धोनी के अलावा जिन 7 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उनमें कंपनी के मार्केट स्टेट हेड अजय कुमार, सीईओ राजेश शर्मा, डायरेक्टर अकाउंट एडमिनिस्ट्रेशन महेंद्र सिंह, मार्केटिंग हेड अर्पित दुबे, एडी इमरान बिन जफर और मार्केटिंग मैनेजर बंदना आनंद शामिल है।