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बिन ब्याही मां की नाजायज़ औलाद महेश भट्ट ? सगे भांजे ने खोली फिल्ममेकर की पोल

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मुंबई। महेश भट्ट अक्सर खुद को बिन ब्याही मां की नाजायज औलाद बताते हैं। उनके सगे भांजे धर्मेश दर्शन ने उनके दावे की पोल खोल दी है। धर्मेश का कहना है कि उनके नाना नानाभाई भट्ट अपनी दोनों पत्नियों के साथ रहते थे।
क्या नाजायज औलाद हैं महेश भट्ट?
एक बातचीत के दौरान जब धर्मेश दर्शन ने महेश भट्ट के खुद के नाजायज होने के दावे पर रिएक्शन मांगा गया तो उन्होंने कहा, “यह बकवास है। इसमें बेहद कम सच्चाई है। हर सच को तोड़ा जाता है। महेश भट्ट मेरे सगे मामा हैं और मेरी मां उनकी दीवानी थी।”
महेश भट्ट के भाई-बहन
धर्मेश दर्शन ने आगे कहा, “1939 में मेरे नाना-नानी की शादी हुई। हिंदू मैरिज एक्ट 1959 में आया और उस वक्त तक मेरी मां की शादी हो चुकी थी। जब तक महेश मामा ने इस मामले पर बात नहीं की, तब तक मैं तो यह भी नहीं जानता था कि मेरी नानी का नाम शिरीन है।” बता दें कि महेश भट्ट, मुकेश भट्ट और शीला भट्ट दर्शन नानाभाई भट्ट और शिरीन मोहम्मद अली की संतान थे।
नानाभाई भट्ट की दो बीवियां
धर्मेश दर्शन ने इस बात से इनकार किया कि उनके नाना का अलग परिवार होने की वजह से वे उनकी जिंदगी से गायब रहे। धर्मेश ने बताया कि उनके नाना की दोनों पत्नियां सौहार्दपूर्ण तरीके से रहती थीं। बकौल धर्मेश, “मेरी एक और असाधारण नानी थी। दोनों लीगल थीं। क्योंकि मैंने दोनों को देखा है। मेरी एक नानी के 6 बच्चे थे और दूसरी नानी के तीन बच्चे थे। मेरी नानी शिरीन गुजराती हिंदू परम्परा के अनुसार रहती थीं। मैं उन्हें अम्मा नहीं, मम्मा कहता था।”
‘महेश भट्ट ने उड़ाया नाजायज होने का मजाक’
धर्मेश दर्शन ने अपने नाना को महान शख्स बताया, जिनका नाम बेवजह पब्लिक में उछाला गया। उन्होंने महेश भट्ट के बारे में बात करते हुए कहा, “मेरा मानना है कि अपने दिल में वे भी जानते होंगे कि यह अच्छा नहीं है। क्योंकि इस दुनिया में असली नाजायज बच्चे हैं। आप इसका स्वांग रचाकर उनका मजाक उड़ा रहे हैं।”
महेश भट्ट की वजह से बीमार हुए धर्मेश दर्शन
धर्मेश दर्शन ने यह भी कहा कि उनके मामा को बयानबाजी करते समय जिम्मेदार होना चाहिए। उनके मुताबिक़, महेश भट्ट ने जो कहा, वह उनके पैरेंट्स की बीमारी की वजह बन सकता था। वे कहते हैं, “मेरी मां को पार्किसंस हो गया, क्योंकि वे थक चुकी थीं और उन्हें नहीं पता था कि क्या किया जाना चाहिए। इसने उन्हें बीमार कर दिया। मेरे पिता को अल्जाइमर हो गया।” धर्मेश के मुताबिक़, इस मुद्दे पर उन्होंने महेश भट्ट के साथ लड़ाई की, लेकिन अपने संस्कारों को ध्यान में रखते हुए।”
महेश भट्ट ने क्या कहा था अपने बयान में?
महेश भट्ट ने अरबाज़ खान के साथ एक बातचीत में खुद को नाजायज़ बच्चा बताया था और कहा था,”मेरा जन्म आजादी के बाद 1948 में हुआ और मेरी मां शिया मुस्लिम थी। लेकिन हम शिवाजी पार्ट में रहते थे, जहां ज्यादातर हिंदू थे। उन्होंने (मां) अपनी पहचान छुपाने के लिए साड़ी पहनी, टीका लगाया। जब वह (पिता) हमारे घर आए तो मुझे लगा कि वे कोई बाहरी हैं। मुझे ऐसे दुष्ट लोग मिलते थे, जो मुझे एक कोने में बैठाते और मेरे पिता के बारे में पूछते थे।”
जब महेश भट्ट की मां का इंतकाल हुआ
महेश भट्ट ने इस बातचीत में यह दावा भी किया कि उनके पिता ने पहली बार उनकी मां की मांग में सिंदूर तब भरा, जब उनकी मौत हो गई। बकौल, महेश, “मुझे याद है कि उनका इंतकाल हो गया। मेरे पिता अपनी पत्नी के साथ आए और उनकी मांग में सिंदूर भरा। मैंने कहा था- यह बहुत कम और बहुत देरी से हुआ। इसने मुझे तोड़कर रख दिया। वे हमेशा से एक ऐसी तस्वीर चाहती थीं, जिसमें उन्होंने उन्हें सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया हो।”
महेश भट्ट ने क्यों तोड़े दर्शन फैमिली से संबंध
महेश भट्ट ने 2007 में दर्शन परिवार के साथ अपने ताल्लुकात ख़त्म करने की वजह बताई थी। उनके मुताबिक़, यह सब उनकी मां के अंतिम संस्कार की वजह से हुआ था। महेश भट्ट ने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से बातचीत में कहा था, “मां की मौत के बाद हमने दर्शन फैमिली से अपने संबंध ख़त्म कर लिए। क्योंकि हम चाहते थे कि उन्हें मुस्लिम रिवाज के तहत दफनाया जाए, लेकिन वे ऐसा नहीं चाहते थे। इस तरह उन्होंने रिश्ता तोड़ लिया।”


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