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बेटी को खोने के बाद भी नहीं टूटे क्रिकेटर विष्णु सोलंकी, रणजी में जड़ा शतक

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भुवनेश्वर। किसी भी क्रिकेटर के लिए क्रिकेट उनके जीवन में क्या मायने रखता है ये समझना शायद आम लोगों के बस की बात नहीं है। लेकिन आए दिन ऐसी घटना होती है जिससे किसी खिलाड़ी के लिए उसके जीवन में खेल का क्या महत्व है पता चलता है। ऐसी ही घटना बडौदा के रणजी खिलाड़ी विष्णु सोलंकी के साथ हुई जिन्होंने हाल ही में अपनी बेटी को खोया और बावजूद इसके अपनी टीम के लिए मैदान में उतरे।
बड़ौदा क्रिकेटर विष्णु सोलंकी ने शुक्रवार को रणजी ट्रॉफी 2022 के मैच में चंडीगढ़ के खिलाफ सेंचुरी लगाई थी। कुछ दिन पहले ही उनकी नवजात बच्ची का निधन हो गया था। उन्होंने इस निजी दुख को पीछे छोड़ते हुए मैच के दूसरे दिन कमाल का शतक लगाया। भुवनेश्वर में एलीट ग्रुप बी (राउंड 2) के इस मुकाबले में उन्होंने यह कमाल की पारी खेली।
चंडीगढ़ ने अपनी पहली पारी में 168 रन बनाए। इसके जवाब में दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक बड़ौदा ने सात विकेट पर 398 बनाए। उसके पास 230 रन की बढ़त हासिल की। नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने उतरे सोलंकी ने 161 गेंद पर नाबाद 103 रन बनाए। अपनी इस प्रभावशाली पारी में उन्होंने 12 चौके लगाए। सलामी बल्लेबाज ज्योतनिल सिंह ने 96 रन बनाए। वह रन आउट हो गए।
सौराष्ट्र के विकेटकीपर शेल्डन जैकसन ने टि्वटर पर सोलंकी की तारीफ की। जैकसन ने बताया कि कैसे निजी त्रासदी से पार पाते हुए कैसे उन्होंने शानदार शतक लगाया। 35 वर्षीय जैकसन ने लिखा- ‘क्या कमाल का खिलाड़ी है। मैं जितने खिलाड़ियों को जानता हूं उनमें ये सबसे ज्यादा मजबूत हैं। विष्णु और उनके परिवार को बड़ा सलाम। यह किसी भी सूरत में आसान नहीं था। आशा करता हूं कि तुम कई शतक बनाओ और कामयाबी हासिल करो।’
बड़ौदा क्रिकेट असोसिएशन के सीईओ शिशिर हतंगड़ी ने भी इस बल्लेबाज को सलाम किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘ऐसे क्रिकेटर की कहानी जिसने कुछ दिन पहले ही अपनी नवजात बच्ची को खोया। वह अंतिम संस्कार में शामिल हुए और अपनी टीम के साथ जुड़ गए। और शतक लगाया। उनका नाम सोशल मीडिया पर लाइक्स भले ही न बटोर पाए लेकिन मेरे लिए विष्णु सोलंकी एक असली हीरो हैं। वह एक प्रेरणा हैं।’ खबर के मुताबिक 29 वर्षीय सोलंकी को 11 फरवरी की रात को अपनी बेटी के जन्म की खबर मिली। हालांकि 24 घंटे के अंदर ही उस बच्ची का निधन हो गया। दुखी क्रिकेटर बड़ौदा टीम के साथ भुवनेश्वर में था। वह बड़ौदा गए और अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। हालांकि तीन दिन बाद वह फ्लाइट लेकर भुवनेश्वर टीम के पास लौट आए।
बडौ़दा को पहले मैच में बंगाल से चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा था, सोलंकी इस मैच में नहीं खेले थे। क्वॉरनटीन पूरा करने के बाद वह टीम के साथ जुड़ गए। 23 फरवरी को उन्होंने नेट्स किया। 24 फरवरी से टीम का चंडीगढ़ से मुकाबला था।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 2015 में तमिलनाडु के खिलाफ डेब्यू किया था। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 1500 से ज्यादा रन बनाए हैं वहीं लिस्ट ए मुकाबले में उन्होंने 1000 से अधिक रन बनाए हैं।


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