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बड़ी खबर : शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी की बेटी नौकरी से बर्खास्त, सैलरी भी ली जाएगी वापस

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कोलकाता । ममता सरकार में पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्यमंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही अब तक ली गयी सैलरी वापस करने का निर्देश।
उल्लेखनीय है कि परेश चंद्र अधिकारी और उनकी बेटी पर जांच एजेंसी CBI ने गुरुवार को केस दर्ज किया है। अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ ये मामला कथित शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर दर्ज किया गया है। दरअसल कोलकाता हाईकोर्ट ने उनके विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की जगह मंत्री को गुरुवार को अपराह्न तीन बजे तक पेश होने का मौका दिया था। लेकिन फिर भी अदालत के सामने पेश न होने के चलते मंत्री पर बेटी समेत केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ से परेश अधिकारी को कैबिनेट से हटाने की भी बात कही है।
तृणमूल में शामिल होने के 72 घंटे के भीतर लिस्ट में जुड़ा बेटी का नाम
सीबीआई ने अदालत के निर्देश की अवमानना करने और समय पर हाजिर न होने के चलते मंत्री अधिकारी और उनकी बेटी अंकिता अधिकारी के खिलाफ धोखीधड़ी के आरोप में आईपीसी की धारा 420 और 120 के तहत केस दर्ज किया है। दरअसल विधानसभा चुनाव-2016 के पहले तृणमूल में शामिल हुए परेश चंद्र अधिकारी का नाम एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले में उछला है। अधिकारी पर आरोप है कि तृणमूल में शामिल होने के 72 घंटे के अंदर ही एसएससी की मेरिट वेटिंग लिस्ट में उनकी बेटी अंकिता अधिकारी का नाम आखिरकार कैसे जुड़ गया। वहीं अंकिता का नाम शामिल होने से सूची से बाहर हुई एक परीक्षार्थी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया।
मामले से जुड़े कई बड़े नाम
परेश अधिकारी और उनकी बेटी से जुड़े इस मामले में राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर सुबीरेश भट्टाचार्य समेत कई बड़े लोगों का नाम सामने आया है। वहीं याचिकाकर्ता की अर्जी के बाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। जिस पर सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है।
कोर्ट की अवमानना पर दर्ज हुआ केस
बता दें कि मंत्री परेश अधिकारी सीबीआई समन और कोर्ट के आदेश के बाद भी सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए। सीबीआई अधिकारियों का मानना है कि अधिकारी ने सीबीआई जांच में सहयोग नहीं किया और समन की अनदेखी कर अदालत की अवमानना भी की। इस मामले में सीबीआई राज्य के शिक्षा राज्य मंत्री से जानना चाहती थी कि उनकी बेटी को नौकरी कैसे मिली। इस संबंध में दायर एक याचिका में कहा गया था कि अधिकारी की बेटी को याचिकाकर्ता से कम अंक प्राप्त होने के बावजूद उसे नियुक्ति दी गई। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मंत्री को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था।


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