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भाजपा के लिए क्यों खतरे की घंटी हैं हिमाचल के एग्जिट पोल ?, जानिए वजह

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नई दिल्ली। गुजरात में दूसरे और अंतिम चरण का मतदान खत्म होने के साथ ही जारी हुए एग्जिट पोल के आंकड़ों ने सियासी दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। एग्जिट पोल के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी जहां गुजरात में एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाती हुई नजर आ रही है, वहीं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस उसे तगड़ी टक्कर देती हुई दिख रही है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा को बहुमत है, लेकिन एक्सिस माई इंडिया पोल के आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। एक्सिस माई इंडिया पोल के मुताबिक हिमाचल में कांग्रेस सरकार बना सकती है। ऐसे में भाजपा के लिए ये सीधे तौर पर खतरे की घंटी है।
वजह 1:- बिना नेतृत्व के भी कांग्रेस की मोदी को चुनौती
6 बार हिमाचल के सीएम रहे वीरभद्र सिंह के जाने के बाद से ही प्रदेश का कांग्रेस संगठन, भाजपा को चुनौती देने वाले एक करिश्माई चेहरे के लिए तरस रहा है। भारत जोड़ो यात्रा के चलते कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी हिमाचल प्रदेश के चुनाव से पूरी तरह दूर रहे। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए प्रचार का जिम्मा अकेले प्रियंका गांधी के ऊपर था, लेकिन दूसरे स्टार प्रचारकों की कमी हिमाचल में साफ तौर पर नजर आई। एक तरफ जहां भाजपा के लिए चुनाव प्रचार की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल रखी थी, वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी जमकर रैलियां की। लेकिन, इन बड़े चेहरों के बावजूद कांग्रेस ने भाजपा को भरपूर टक्कर दी है, जो पार्टी की टॉप लीडरशिप के लिए वाकई चिंता की एक बड़ी वजह है।
वजह 2:- भाजपा अध्यक्ष हिमाचल से होने के बाद भी ऐसा रिजल्ट
भारतीय जनता पार्टी ने जब दूसरी बार जेपी नड्डा को पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान सौंपी, तो इशारा साफ था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी का भरोसा हिमाचल प्रदेश के इस दिग्गज नेता पर कायम है। जेपी नड्डा अपनी सभाओं में कांग्रेस पर खूब हमलावर हुए और सामने बैठी जनता को डबल इंजन की सरकार के फायदे गिनाए। लेकिन, एक्सिस माई इंडिया पोल के आंकड़े अब इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि, हिमाचल प्रदेश से आने के बावजूद अगर जेपी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा, सीटों के अंतर के मामले में कांग्रेस के सामने बिल्कुल किनारे पर खड़ी है तो ये पार्टी के लिए टेंशन की बात है।
वजह 3:- बागियों को मनाने में क्यों नाकाम रही भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने जब टिकटों का ऐलान किया तो पार्टी के कई नेताओं ने बगावत का मोर्चा खोल दिया। प्रदेश लीडरशिप से लेकर केंद्र के दिग्गज नेताओं को भी बागियों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन मान-मनौव्वल का कोई नतीजा नहीं निकला। 20 से ज्यादा सीटों पर हिमाचल भाजपा के नेता खुलकर अपनी ही पार्टी के खिलाफ उतर आए। खुद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिमाचल का कई बार दौरा किया, लेकिन बगावती नेता नहीं माने। सियासी जानकारों का मानना है कि अपने ही नेताओं की बगावत का नुकसान भाजपा को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में हुआ। यहां बड़ा सवाल यही है कि सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की बागियों की मनाने की कोशिशें क्यों नाकाम रही।
एग्जिट पोल में क्या है हिमाचल का हाल
आपको बता दें कि चार एग्जिट पोल में भाजपा को सरकार बनाने की स्थिति में दिखाया गया है और अनुमान है कि पार्टी को 32 से 40 सीटें मिल सकती हैं। लेकिन, एक्सिस माई इंडिया पोल के नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं हैं। एक्सिस माई इंडिया पोल के मुताबिक, 68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस 30 से 40 सीटें हासिल कर सरकार बना सकती है।

 


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