डेस्क। कभी बीजेपी के स्टार प्रचारक रहे सांसद वरुण गांधी के लिए अब बीजेपी में कोई खास जगह बची नहीं है, लिहाजा इससे पहले कि वे शत्रुघ्न सिन्हा जैसी सियासी गति प्राप्त करें, उन्हें कोई ठोस राजनीतिक निर्णय लेना होगा, क्योंकि…. मोदी के रहते अब हालात सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं है?
याद रहे, कुछ समय की खामोशी के बाद वरुण गांधी फिर से खुलकर अपनी ही पार्टी लाईन से हटकर बोलने लगे हैं !
उन्होंने हाल ही में एक अख़बार के लिए लेख लिखा, जिसमें उन्होंने देश के 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के इरादे पर कहा कि- देश को इससे पहले एक बेहतर लोक हितकारी व्यवस्था बनाने की ज़रूरत है?
जाहिर है, ये शब्दबाण पीएम नरेंद्र मोदी पर चले हैं, जिन्होंने देश को 2025 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कही है?
खबरों की मानें तो 2021 से ही वरुण गांधी ने पार्टी से जुड़े आयोजनों में हिस्सा लेना बंद कर दिया है और अब वे ख़ुद की जनसभांएं करते हैं.
पिछले दिनों जब मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर बीजेपी ने महासंपर्क अभियान चलाया था, तब भी वरुण गांधी इसमें शामिल नहीं हुए थे, बीजेपी हाईकमान का नाराज़ होना तो बनता है?