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भीषण गर्मी से लोगों का हाल-बेहाल, खेती पर भी पड़ रहा है प्रभाव, किसानों के सिर पर हाथ  

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मालदा। लगातार पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों का हाल-बेहाल है। गर्मी से बचाव को लेकर लोग घरों में दुबकने पर मजबूर हो रहे हैं। तापमान 40.0 डिग्री से ज्यादा पहुंच गया है। बढ़ते तापमान के कारण सब्जियों व हरे चारे की फसल को नुकसान हो रहा है। किसानों ने अनुसार पिछले कुछ दशकों में आषाढ़ के महीने में इतनी ज्यादा गर्मी नहीं देखी है  इस समय भीषण गर्मी परन्तु बारिश का नामों निशान नहीं।
भीषण गर्मी के कारण ओल्ड मालदा में अलग-अलग जगहों में पान के पत्ते सूखकर सूखे पत्तों में बदल रहे हैं, जिससे पान उत्पादकों ने सिर पर हाथ रख लिया हैं। किसी ने बैंक के कर्ज से पान की खेती शुरू की, तो किसी ने साहूकारों के ब्याज से लेकर। लेकिन पिछले कुछ सप्ताह  से  मालदा से बारिश लगभग गायब हो गई है। तापमान इतना अधिक है कि पान के पत्ते सूख रहे है, जड़ें खराब हो रही हैं। बीघा-दर-बीघा खेती करने के बाद पान नहीं बचा पाने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। हरी सब्जियों की खेती करने वाले किसाओं का भी यही हाल है ,लेकिन पान की खेती करने वालों की हालत ज्यादा ख़राब है
गौरतलब है कि ओल्ड मालदा प्रखंड के मुचिया ग्राम पंचायत क्षेत्र में सौ से अधिक पान उत्पादक हैं। कुछ लोग 10 बीघा जमीन पर और कुछ 20 बीघा जमीन पर इसकी खेती करते हैं। किसी के पास पुश्तैनी जमीन है, तो कोई साहूकारों से जमीन पट्टे पर लेता है और पान की खेती करता है। किसान दावा कर रहे हैं कि कोरोना के मौसम में भी पान का उत्पादन अच्छा रहा। लेकिन इस साल लगातार गर्मी से कहीं न कहीं पान के पत्ते जल रहे हैं। वही पान सूखने से जड़ें खराब हो रही हैं। नतीजतन, उत्पादन में गिरावट आई है। 10 से 20 बीघा जमीन पर पान लगे किसानों के पास अब चार से पांच बीघा पान बचा है।


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