इस्लामाबाद। आर्थिक महासंकट और डिफॉल्ट के खतरे के बीच रोटी-रोटी के लिए मारपीट कर रही पाकिस्तानी जनता के लिए खुशखबरी है। पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने के बाद रूस से गेहूं की पहली खेप अब ग्वादर पोर्ट पर पहुंच गई है। मालवाहक जहाज एमवी लीला चेन्नई 50 हजार टन गेहूं लेकर पाकिस्तान पहुंचा है। रूस की ओर से ऐसे 9 जहाजों से गेहूं की खेप पाकिस्तान आनी है। पाकिस्तान में इस समय महंगाई अपने 50 साल के चरम पर पहुंच गई है और आटे की कीमत 130 रुपये किलो तक पहुंच गई है। वह भी तब जब पाकिस्तान सरकार ने इसका दाम 105 रुपये प्रति किलो रखा है।
पाकिस्तान में आटे के लिए हाहाकार मचने के बाद शहबाज शरीफ सरकार ने गेहूं के लिए रूस से गुहार लगाई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच गेहूं की सप्लाइ को लेकर समझौता हुआ था। इसके तहत पाकिस्तान रूस से कुल 4,50,000 मिट्रिक टन गेहूं खरीदेगा। इस गेहूं को कुल 9 जहाजों की मदद से रूस से पाकिस्तान तक लाया जाएगा। रूस के गेहूं भेजने से पाकिस्तान को बड़ी राहत महसूस हुई जो यूक्रेन युद्ध के बाद गेहूं की भारी किल्लत से जूझ रहा था।
पाकिस्तान ने रूस को दिया था धोखा
रूस ने पाकिस्तान को ऐसे समय पर गेहूं की सप्लाइ की है जब दुनिया में खाद्यान का भारी संकट चल रहा है। वहीं पाकिस्तान ने युद्ध के बीच यूक्रेन को बम की सप्लाइ करके रूस को बड़ा झटका दिया है। इसके बाद भी रूसी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के प्रति दरियादिली दिखाते हुए गेहूं की सप्लाइ की है। पाकिस्तान एक तरफ यूक्रेन को बम बेचकर डॉलर कमा रहा है, वहीं रूस से पाकिस्तानी जनता का पेट भरने जा रहा है। पाकिस्तान के बाजार में गेहूं का स्टॉक बहुत कम हो गया है और जनता आटे के लिए तड़प रही है।
पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि अगर गेहूं की आपूर्ति नहीं सुधरती है तो आटे की कीमत और ज्यादा बढ़ जाएगी। इस बीच गिरती अर्थव्यवस्था को स्थिर करने को लेकर ऋण कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए बेताब, पाकिस्तान ने अगले वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं पर पावर सरचार्ज लगाने की अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मांग मान ली है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ के ‘शिफ्टिंग गोलपोस्ट’ से पाकिस्तानी अधिकारी चकित हैं क्योंकि देश ऋणदाता को लुभाने के लिए काफी प्रयास कर रहा है जिसने साल 2019 में की गई डील के तहत 6.5 अरब डॉलर विस्तारित फंड सुविधा को अनलॉक करने के लिए नई शर्तें निर्धारित की हैं।
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