मालदा। कुछ स्थानीय भू-माफियाओं पर एक आदिवासी समुदाय के व्यक्ति की जमीन को हड़पने का आरोप लगा है। इस घटना के खिलाफ गरीब किसान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन उसके बाद से भू माफ़ियाओं द्वारा जमीन के मालिक को कथित तौर पर धमकाया जा रहा है। साथ ही इस घटना में सियासी रंग भी जुड़ने लगे हैं। यह सनसनीखेज घटना ओल्ड मालदा थाना क्षेत्र के साहापुर ग्राम पंचायत के मधाईपुर इलाके कीहै।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि घटना के पीछे तृणमूल समर्थित बदमाशों का हाथ है। इसके जवाब में स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने बीजेपी पर जमीन हथियाने का आरोप लगाया है। इस बीच बेबस जमीन के मालिक प्रशांत राम डर के मारे दिन बिता रहां हैं। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। स्थानीय सूत्रों के अनुसार मधेपुर क्षेत्र के आदिवासी निवासी प्रशांत राम ने पुलिस में शिकायत की है कि उसके पास 13 कट्ठा जमीन है। इलाके के कुछ भू-माफियाओं ने तीन साल पहले उसकी जमीन को एक निश्चित कीमत पर खरीदने के लिए एक छोटी रकम का भुगतान किया था। उसके बाद उनलोगों ने पूरी जमीन बिना रजिस्ट्रेशन के खंभों से घेर दिया। 26 अगस्त को जब वह विरोध करने गए तो बदमाशों ने उनके घर के सामने मारपीट कर दी। बदमाशों के खिलाफ ओल्ड मालदा थाने में उसी दिन लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी। लेकिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद बदमाश उसे लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और केस वापस लेने की बात कही जा रही है। इसी डर की वजह से वो आदिवासी गरीब अब खुद को छुपा रहा है।
प्रशांत राम ने शिकायत की कि क्षेत्र के कुछ भू-माफियाओं ने तीन साल पहले मेरे 13 कट्ठा जमीन के प्रति 58 हजार रुपये कट्ठा से देने का बात तय किया था और एडवांस के तौर पर मुझे तीन लाख पचास हजार रुपये दिए थे। उसके बाद बिना बाकी पैसे दिए उन्होंने मेरी सारी जमीन पर खंभों से जबरन कब्जा कर लिया। अब जमीन का बाकी हुआ पैसा मांगते हैं तो वे आपको जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इस घटना में मुझे पीटा भी गया। इस संबंध में पुलिस से शिकायत की गई है।
वहीँ जिला भाजपा नेता अजय गांगुली ने कहा कि ये सत्ताधारी दल तृणमूल समर्थित बदमाशों के काम हैं। अब वे गरीबों की जमीन हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।
दूसरी ओर जिला तृणमूल नेता और मालदा जिला परिषद अध्यक्ष स्वप्न मिश्रा ने कहा, भाजपा का काम सिर्फ बेबुनियाद आरोप लगाना है| ओल्ड मालदा में, उनकी पार्टी के लोगों ने आदिवासी आदमी की जमीन पर कब्जा कर लिया और अब अपनी गलती छुपाने के लिए तृणमूल पर बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है। तृणमूल पार्टी कभी भी ऐसे कृत्यों की निंदा नहीं करती है। इस घटना के पीछे बीजेपी संगठित अपराध में शामिल है। ओल्ड मालदा थाने की पुलिस ने बताया कि शिकायत के मद्देनजर पूरे मामले की जांच की जा रही है।
Comments are closed.