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ममता सरकार को हाई कोर्ट से दिया बड़ा झटका, 11 साल पहले हुई हत्या की सीबीआई जांच बहाल

कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट में ममता बनर्जी की सरकार को झटका लगा है। हावड़ा के तृणमूल नेता और पर्यावरण कार्यकर्ता तपन दत्त की हत्या के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश को बरकरार रखा। शुक्रवार को. . .

कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट में ममता बनर्जी की सरकार को झटका लगा है। हावड़ा के तृणमूल नेता और पर्यावरण कार्यकर्ता तपन दत्त की हत्या के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश को बरकरार रखा। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा। 9 जून को न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने तपन दत्त हत्याकांड की सीबीआई जांच का आदेश दिया। उस आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार और एक आरोपी षष्ठी गयान डिवीजन बेंच में गए थे, लेकिन शुक्रवार को खंडपीठ ने अर्जी खारिज कर दी।
कलकत्ता हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच के आदेश के बाद बंगाल सरकार को झटका लगा है। हालांकि राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीमो कोर्ट में अपील दायर करने पर विचार कर रही है।
तपन दत्त की हत्या में तृणमूल के 13 नेता थे आरोपी
तपन दत्त की 6 मई 2011 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में तृणमूल के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं समेत 13 लोगों का नाम सामने आया था। मामला निचली अदालतों, कलकत्ता हाई कोर्ट और यहां तक ​​कि सुप्रीम कोर्ट तक भी जा चुका है, लेकिन मृतक तपन की पत्नी प्रतिमा दत्ता को अभी तक न्याय नहीं मिला है। एक दशक बीत जाने के बाद भी इस घटना में आरोपियों को सजा नहीं मिली है। राज्य सरकार के निर्णय पर सीआईडी ​​ने जांच अपने हाथ में ली.।सीआईडी ​​ने जांच के बाद कहा कि तपन दत्त को इसलिए मरना पड़ा था क्योंकि उन्होंने पानी भरने का विरोध किया था।
सीआई़डी जांच के बाद चार्जशीट में हटा दिये गये थे तृणमूल नेताओं के नाम
30 अगस्त 2011 को सीआईडी ​​ने मामले की चार्जशीट पेश की। चार्जशीट में हावड़ा के कई तृणमूल नेताओं के नाम थे। इसके बाद 26 सितंबर 2011 को सीआईडी ​​ने एक और सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में पेश की। वहां नौ लोगों के नाम बिना कोई कारण बताए चार्जशीट से हटा दिए गए। ये सभी हावड़ा तृणमूल के नेता थे. दिसंबर 2014 में चार्जशीट में नामजद बाकी पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था, लेकिन 2017 में कलकत्ता हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच ने निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया।
मृतक की पत्नी ने तृणमूल नेताओं पर लगाया है हत्या का आरोप
जब आरोपी ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, तो शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा और उच्च न्यायालय को मामले का शीघ्र निपटारा करने का निर्देश दिया। तपन दत्ता की पत्नी प्रतिमा दत्ता का दावा है कि इस हत्या में हावड़ा के अरूप रॉय, कल्याण बसु, षष्ठी गायेन समेत तृणमूल के कई नेता और विधायक शामिल हैं।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले चार्जशीट में अरूप का नाम था।

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