बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की एक मस्जिद में मौलाना की बीवी और उसकी दो छोटी बेटियों की हत्या 14 और 15 साल के दो नाबालिग छात्रों ने कर दी। दोनों छात्र मस्जिद के मदरसे में पढ़ते थे और मौलाना से ही तालीम लेते थे। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वह रोज-रोज मौलाना के उनकी पिटाई करने से नाराज थे और बदला लेना चाहते थे।
पिटाई के चार घंटे बाद लिया खौफनाक बदला
घटना दोघट थाने के गांगनोली गाँव की है। शनिवार (11 अक्टूबर 2025) की सुबह करीब 9 बजे मौलाना इब्राहिम ने पढ़ाई के दौरान दोनों छात्रों की पिटाई की थी। इसके बाद वह सहारनपुर के देवबंद में अफगानी विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के स्वागत कार्यक्रम में चला गया।
दोपहर करीब 1 बजे दोनों छात्र मस्जिद पहुँचे। ऊपर बने कमरे में मौलाना की बीवी इसराना और उसकी दो बेटियाँ सोफिया और सुमैय्या सो रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्रों ने कमरे में रखे हथौड़े से तीनों पर हमला किया और फिर चाकू से गला रेतकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद दोनों मौके से भाग निकले।
दोपहर करीब 2 बजे लोग नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद पहुँचे। उन्होंने मौलाना को आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जब लोग ऊपर गए तो कमरे से खून बहता दिखा। दरवाजा खोला गया तो अंदर बीव और दोनों बेटियों की लाशें खून से लथपथ पड़ी थीं। वारदात की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के बाहर जमा हो गए। पुलिस और सीनियर अधिकारी भी मौके पर पहुँचे।
पुलिस की कार्रवाई
मस्जिद के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे बंद थे, इसलिए पुलिस को शुरू में शक मौलाना इब्राहिम पर ही गया। जब वह देवबंद से लौटे तो उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। उन्होंने पूरी बात बताई और बाद में पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया।
फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉयड ने मौके की जाँच की। फिर मस्जिद के बाहर और आसपास लगे कैमरे खंगाले गए। फुटेज में दोनों छात्र दोपहर 12:30 बजे मस्जिद में घुसते हुए दिखाई दिए। पुलिस ने दोनों नाबालिगों को हिरासत में लिया। पहले तो उन्होंने इंकार किया, लेकिन अंत में अपना गुनाह कबूल कर लिया।
उन्होंने बताया कि मौलवी इब्राहिम अक्सर उन्हें सबके सामने पीटते और बेइज्जत करते थे। सुबह हुई पिटाई के बाद उन्होंने बदला लेने का प्लान बनाया और दोपहर में वारदात को अंजाम दे दिया। हत्या के बाद दोनों आरोपित भीड़ में शामिल हो गए और पुलिस के सामने हंगामा करते रहे। उन्होंने नारेबाजी भी की और कहा, “हमारे मौलवी साहब ऐसा नहीं कर सकते”, ऐसा इसलिए ताकि शक उन पर न जाए।