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मैं बौद्ध धर्म मानता हूँ, मगर धर्मनिरपेक्ष हूँ, विदाई समारोह में बोले सीजेआई, कहा- हिंदू, सिख, इस्लाम सभी धर्मों में रखता हूं विश्वास

नई दिल्ली। मैं बौद्ध धर्म को मानने वाला हूं, लेकिन वास्तव में एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हूं। हिंदू, सिख, इस्लाम समेत सभी धर्मों में विश्वास रखता हूं। मैंने धर्मनिरपेक्षता अपने पिता से सीखी है। मेरे पिता भी पूरी तरह से सेक्युलर. . .

नई दिल्ली। मैं बौद्ध धर्म को मानने वाला हूं, लेकिन वास्तव में एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हूं। हिंदू, सिख, इस्लाम समेत सभी धर्मों में विश्वास रखता हूं। मैंने धर्मनिरपेक्षता अपने पिता से सीखी है। मेरे पिता भी पूरी तरह से सेक्युलर थे और डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के अनुयायी थे। यह बात सीजेआई बीआर गवई ने एडवोकेट्स आन रिकॉर्ड एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई समारोह के दौरान कही। सीजेआई ने कहा- करीब 20 साल जज रहने के बाद मैं आज जो कुछ भी हूं, ज्यूडिशियरी की वजह से हूं। इसके लिए मैं देश की न्यायपालिका का आभारी हूं।

आज अंतिम कार्य दिवस

दरअसल, सीजेआई गवई का आज सुप्रीम कोर्ट में आखिरी कार्य दिवस है। वे 23 नवंबर (रविवार) को रिटायर हो जाएंगे हैं। जस्टिस सूर्यकांत देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वे 24 नवंबर को पदभार संभालेंगे। जस्टिस कांत 53वें सीजेआई के तौर पर 14 महीने का कार्यकाल पूरा करेंगे। वे 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।

सभी धर्मों का सम्मान करना सीखा

सीजेआई गवई ने बताया कि जब मैं छोटा था। उस समय पिताजी राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग जगहों पर जाते थे। तब पिता के दोस्त कहते थे- सर चलिए, यहां की दरगाह मशहूर है या गुरुद्वारा बहुत अच्छा है तो मैं उनके साथ जाता था। इस तरह सभी धर्मों का सम्मान करने के माहौल में बड़ा हुआ।

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