कोलकता। दिग्गज गायिका सुमित्रा सेन का 89 साल की उम्र में निधन हो गया है। पिछले लंबे समय से सेन सांस संबंधी परेशानियों से जूझ रही थीं। वे ब्रोको निमोनिया से पीड़ित थीं। कोलकाता में अपने आवास पर गायिका ने अंतिम सांसे लीं। सुमित्रा सेन की बेटी ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी।
बताते चलें कि बीमारी के चलते 29 दिसंबर को गायिका को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, तीन दिनों के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। बेटी श्रावणी सेन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मां के निधन की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि मां आज सुबह हमें छोड़कर चली गईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, सेन को पिछले महीने अचानक ठंड लगी, जिसके बाद से उनका स्वास्थ्य बिगड़ना शुरू हो गया। इसके बाद 29 दिसंबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिर लगातार बिगड़ते स्वास्थ्य के चलते उन्हें अस्पताल से भी छुट्टी दे दी गई।
अस्पताल में इलाज के दौरान ही ब्रोको निमोनिया के बारे में पता चला। उनकी स्थिति इतनी खराब हो गई कि स्वास्थ्य में कोई सुधार ही नजर नहीं आ रहा था। इसके बाद 3 जनवरी को उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनकी बेटी श्रावणी सेन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, मां आज सुबह हमें छोड़कर चली गईं। बता दें कि सुमित्रा सेन की दोनों बेटियां श्रावणी और इंद्राणी भी रविंद्र संगीत की मशहूर गायिका हैं. उनके परिवार ने कहा कि सुमित्रा सेन को दिसंबर के मध्य में ठंड लग गई थी और उम्र के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई।
ममता बनर्जी ने बताया दुख
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुमित्रा सेन के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा, मैं सुमित्रा सेन के आकस्मिक निधन से बहुत दुखी हूं, जिन्होंने दशकों तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। मेरे उनके साथ करीबी संबंध थे। पश्चिम बंगाल सरकार ने 2012 में उन्हें संगीत महासम्मान से सम्मानित किया था। सीएम ममता ने कहा, उनके निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। सुमित्रा दी की बेटियों इंद्राणी और श्रावणी तथा उनके प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
चार दशकों तक गाए गाने
सुमित्रा सेन ने मेघ बोलेछे जाबो जाबो, तोमारी झारनतालार निर्जन, सखी भबोना कहारे बोले, अच्छे दुखो अच्छे मृत्यु जैसे सैकड़ों गीत गाए. इन गानो ने चार दशक से अधिक समय तक रविंद्र संगीत के प्रेमियों का मनोरंजन किया।
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