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राजस्थान के भरतपुर में बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा लगाने पर विवाद के बाद आगजनी-तोड़फोड़, पुलिस पर पथराव

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भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने को लेकर बवाल भड़क गया है। स्थानीय लोग नदवई के बैलारा चौक पर महाराजा की मूर्ति लगाना चाहते हैं, जबकि जिला प्रशासन ने यह मूर्ति कुम्हेर चौराहे पर लगाने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पहले भरोसा दिया था कि महाराजा सूरजमल की मूर्ति बैलारा चौक पर ही लगाई जाएगी, लेकिन बुधवार की शाम प्रेस कांफ्रेंस में जैसे ही उन्होंने इस मूर्ति के लिए कुम्हेर चौराहे का नाम लिया, लोग भड़क गए।
बैलारा गांव और आसपास के लोग सड़क पर उतर गए और बैलारा चौक की ओर बढ़ने लगे। पुलिस को लगा कि लोग मूर्ति लगाने के लिए बने गुंबद पर चढ़ सकते हैं या इसे क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। ऐसे में पुलिस ने ग्रामीणों को रोकने की कोशिश की। लेकिन देखते ही देखते हालात इतने खराब हो गए कि ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। कई जगह सड़क पर टायर जलाकर और पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी।हालात बेकाबू होते देख पुलिस को भी स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए टीयर गैस के गोले छोड़ने पड़े और हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
मौके पर तनाव बढ़ने की स्थिति में देर रात खुद जिला कलक्टर आलोक रंजन और एसपी श्याम सिंह मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात करने की कोशिश की।लेकिन लोग अपनी बात पर अड़े रहे. दरअसल भरतपुर में तीन अलग अलग स्थानों पर महाराजा सूरजमल, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर और भगवान परसुराम की मूर्तियां लगनी है। पिछले दिनों संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तीनों मूर्तियों के लिए स्थान तय किया था।
इसमें कुम्हेर चौराहे पर महाराजा सूरजमल, बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और नगर चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने की बात कही गई थी। जबकि स्थानीय लोग बैलारा चौक पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने लोगों को भरोसा दिया था कि महाराजा की मूर्ति बैलारा चौक पर ही लगेगी।
उनके आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने धरना खत्म कर दिया। इधर, जैसे ही बुधवार को मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि महाराजा सूराजमल की मूर्ति बैलारा चौक पर नहीं, बल्कि कुम्हेर चौक पर लगेगी तो ग्रामीण भड़क गए। ग्रामीणों का कहना है कि बैलारा नदबई का मुख्य चौराहा है. इसलिए महाराजा की मूर्ति तो बैलारा चौक पर ही होनी चाहिए।
जानकारी के मुताबिक बुधवार की रात करीब आठ बजे से बवाल शुरू हुआ। बैलारा चौक पर पुलिस पथराव से निपट ही रही थी कि आक्रोशित ग्रामीणों ने बूढ़ावरी, नगला खटोटि आदि गांवों की मुख्य सड़कों पर आगजनी शुरू कर दी। इन सभी सड़कों पर ग्रामीणों ने जाम लगा दिया. पुलिस ने बड़ी मुश्किल से यहां स्थिति को नियंत्रित किया।इतने में रात के दो बज गए. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल के साथ जिला कलेक्टर और एसपी भी मौके पर मौजूद रहे।


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