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रूस का यूक्रेन के दो शहरों में सीजफायर का ऐलान, लोगों को बाहर निकालने के लिए कॉरिडोर खोलेगा

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नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच 10वें दिन भी जंग जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने दो शहरों- मारियुपोल और वोल्नोवाखा में सीजफायर का ऐलान कर दिया है। यूक्रेन में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सीजफायर का ऐलान हुआ है। यानी जब तक यहां फंसे हुए लोगों को निकाल नहीं लिया जाता, तब तक हमले नहीं किए जाएंगे। भारतीय समय के अनुसार दोपहर 12:30 बजे सीजफायर किया गया।
इसके पहले रूस ने यूएनएससी की बैठक में कहा- हम यूक्रेन से भारतीय छात्रों और अन्य विदेशी नागरिकों को निकालने के लिए तैयार हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने पुतिन से यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को रूस के रास्ते रेस्क्यू करने पर चर्चा की थी।
रूस ने यहां तक कहा है कि वो अब मानवीय आधार पर वहां फंसे लोगों को निकालने में मदद करेगा। इससे पहले कहा गया था कि रूस की सेना कीव के काफी नजदीक आ गई थी। ये सीजफायर आज सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। यूक्रेन की पोर्ट सिटी मारीपोल से 11 बजे से लोगों को निकालने का काम शुरू हो चुका है। यहां पर करीब साढ़े चार लाख लोग हैं। वहीं वोल्‍नोवाखा में करीब 21 हजार लोग हैं। हमले के बाद इन दोनों शहरों में पानी और बिजली की काफी किल्‍लत हो गई है। यूक्रेन में तापमान बेहद कम है जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच रायटर्स ने यूक्रेन के रक्षा मंत्री के हवाले से बताया है कि विदेशों में मौजूद करीब 66,200 यूक्रेनियंस रूस से लड़ने के लिए स्‍वदेश वापस आ गए हैं।
यूक्रेन में रूस की एयर स्‍ट्राइक की आशंका के मद्देनजर कीव में लोगों को अलर्ट दिया गया है। इसमें कहा गया है कि वो जहां भी अपने नजदीक शेल्‍टर देखें वहां जाकर छिप जाएं। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा है कि वो देश छोड़कर चले गए हैं।
तास एजेंसी के मुताबिक उन्‍होंने कहा है कि वो कीव में ही हैं और अपने आफिस से ही काम कर रहे हैं। एक इंस्‍टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो के जर‍िए उन्‍होंने ये बात कही है। उन्‍होंने इसमें अपने आफिस को भी दिखाया है। इसमें वो कहते दिखाई दे रहे हैं कि वो यहीं अपने आफिस में ही हैं। एंड्रे बोरिसोविच भी यही हैं। कोई यहां से नहीं भागा है। इससे पहले रूस की ड्यूमा के स्‍पीकर वेचेस्‍लेव वोलोडिन ने कहा था कि जेलेंस्‍की यूक्रेन छोड़ पौलेंड चले गए हैं।
एजेंसी ने अमेरिका के विदेश सचिव के हवाले से बताया है कि अमेरिका रूस से बातचीत के लिए राजी है बशर्ते इससे कुछ हल निकलता हो। बीबीसी को दिए एक इंटरव्‍यू में विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा है कि यदि रूस भी इसी तरह से सोचता है और मुद्दों का हल निकालना चाहता है तो फिर अमेरिका भी उनके साथ वार्ता के लिए बैठना चाहेगा।
इस बीच यूक्रेन में फंसे लोगों को लेकर जिनमें अधिकतर छात्र हैं, विमान दिल्‍ली पहुंचा है। अपने बच्‍चों को देख परिजनों की आंखें नम हो गईं। आपको बता दें कि भारत ने वहां फंसे अपने लोगों के लिए अब भारतीय वायु सेना का भी सहारा लिया है। सभी को यूक्रेन के पड़ोसी देशों के जरिए स्‍वदेश वापस लाया जा रहा है।
यूक्रेन के सामरिक बंदरगाह वाले शहर मारियुपोल को रूसी सेना ने अवरुद्ध कर दिया है। इसकी जानकारी वहां के मेयर के हवाले से सामने आई है। इस बीच यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की ने नाटो पर निशाना साधते हुए कहा है उसने यूक्रेन के शहरों और गांवों पर बमबारी के लिए ग्रीन सिग्‍नल दिया है। उन्‍होंने नाटो के उस फैसले का भी विरोध किया है जिसमें यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है।
एएनआई के मुताबिक यूक्रेन की द कीव इंडिपेंडें ने कहा है कि यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस अब तक उस पर 500 से अधिक मिसाइलें दागी हैं। पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा, रूस प्रतिदिन लगभग दो दर्जन की दर से सभी प्रकार की मिसाइलें दाग रहा है।
भारत ने वायु सेना की मदद से यूक्रेन में 16.5 टन राहत सामग्री पहुंचाई है। तीन विमानों के जरिए करीब 629 लोगों को भारत भी लाया जा रहा है। यूक्रेन से आपरेशन गंगा मिशन’ के तहत अब तक 11,000 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी हो चुकी है। इस काम में अब भारतीय वायु सेना के विमानों को भी लगाया गया है। शनिवार को भारतीय वायुसेना का C-17 एयरक्राफ्ट 210 यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिको को रोमानिया के रास्ते लेकर शुक्रवार देर रात हिंडन एयरबेस पहुंचा है। इंडियन एयरफोर्स की दस फ्लाइट से अब तक करीब 2056 लोगों को स्‍वदेश लाया जा चुका है।
रायटर्स के मुताबिक कीव में लगातार धमाकों की आवाजें सुनाई दे रही हैं। रूस की सेना ने यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर शनिवार को ही कब्जा कर लिया था। दूसरी ओर मास्को ने फेसबुक व कुछ विदेशी मीडिया वेबसाइटों को ब्लाक कर दिया है। इसके पीछे रूस का तर्क है कि पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बीच उक्त वेबसाइट फर्जी खबरें चला रहे हैं। रूस ने ये भी कहा है कि उसकी सेना के खिलाफ हथियार उठाने वाले यदि गिरफ्तार हुए तो उन्‍हें युद्धबंदियों वाले अधिकार हासिल नहीं होंगे। उनके ऊपर आप‍राधिक मुकदमा चलाया जाएगा।


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