अलीपुरद्वार । सरकारी तंत्र लापरवाही का कितना आदी हो चला है, अलीपुरद्वार जिला अस्पताल में इंजेक्शन लगाने की घटना से एक बार फिर यह साबित हो गया है। अलीपुरद्वार जिला अस्पताल में कार्यरत एक नर्स पर मां की जगह 10 माह के बच्चे को इंजेक्शन लगाने का संगीन आरोप लगा है। यानी जो इंजेक्शन माँ को लगाया जाना था, उसको नर्स ने 10 माह के बच्चे लगा दिया, इसे लापरवाही की इंतहा नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।
अस्पताल सुपर ने शिकायत स्वीकार करते हुए कहा कि नर्स को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। इसके साथ ही विभागीय जांच के लिए उच्चाधिकारी को लिखित रूप में सूचित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार अलीपुरद्वार के वेलुरदाबरी निवासी अपर्णा दास को एक महीने पहले बिल्ली ने काटा था। उन्हें एंटी-रेबीज वैक्सीन दी जा रही थी। आज जब वह आखिरी खुराक लेने के लिए अपने दस महीने के बेटे को गोद में लेकर बैठी, तो ड्यूटी पर तैनात नर्स ने उसकी जगह उसके बेटे को वैक्सीन दे दी। इसके बाद जब महिला ने घरवालों को बताया तो घर के लोगों ने अस्पताल अधीक्षक के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल अधीक्षक को लिखित शिकायत इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने नर्स को वैक्सीन विभाग से हटा दिया। घटना के बाद सुपर ने नर्स को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। साथ ही उन्होंने विभागीय जांच के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है। दूसरी ओर बच्चे को निगरानी में रखा गया है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार फ़िलहाल डरने की कोई बात नहीं है।
लेकिन इस पूरे प्रकरण में अस्पताल के साथ ही विभिन्न स्तरों पर सरकारी तंत्र का लचर रवैया सामने आया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस दर्दनाक हादसे के बाद शासन, अस्पताल प्रबंधन सबक लेकर ऐसी लापरवाही रोकने को ठोस कदम उठाया जाएगा।
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