विश्व पृथ्वी दिवस : खतरे में है धरती आ आस्तित्व, बचाने की लें संकल्प, बड़ा सवाल- ”जल रही धरती, मानव है खतरे में, जानते सब हैं पर मानते क्यों नहीं”
डेस्क। पृथ्वी पर जीवन खतरे में है। खतरा गंभीर है। अप्रैल के महीने में ही जिस तरह से वैश्विक स्तर पर तापमान में बढ़ोतरी हुई है और जीवन झुलस रहे हैं’, उससे खतरों का अंदाजा लगाया जा सकता है। जाने-माने खगोलीय वैज्ञानिक स्टीफन हकिंग्स इसी खतरे को पहले ही भांप गए थे। तभी तो उन्होंने दुनिया भर के वैज्ञानिकों से कहा था कि आपके पास समय बहुत कम है। आने वाले 100 सालों में पृथ्वी रहने लायक नहीं रह जायेगी। जितना जल्द हो आप किसी दूसरे ग्रह पर जीवन की तलाश कर ले। उनके इस अपील के बाद अन्य ग्रहों पर भी जीवन की संभावना तलाशी जा रही है। वर्तमान में धरती पर लगभग 12 लाख सूचीबद्ध पशु प्रजातियां हैं, हालांकि यह माना जाता है कि यह कुल प्रजातियों का केवल यह एक छोटा हिस्सा है।
2011 में, वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि दुनिया में समग्र रूप से लगभग 80 लाख प्रजातियां शामिल हैं। पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.5 अरब साल पहले हुआ था और पृथ्वी के भौतिक गुणों, इसके भूवैज्ञानिक इतिहास और इसकी कक्षा ने लाखों सालों तक जीवन को अस्तित्व में बनाए रखा है, यानी इतने सालों बाद भी यहां जीवन है। हमें पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के प्रति जागरूक होना होगा। करोड़ों लोग पृथ्वी से जुड़ी पर्यावरण की चुनौतियां जैसे क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जैवविविधता संरक्षण के लिए प्रयासरत है। पर एक ही सवाल है कि क्या यह धरती मौजूदा खतरों से बच पाएगी । अगर स्टीफन हैकिंग्स सही है तो कतई नहीं । पर यह जरूर है कि जब तक किसी नए ग्रह पर जीवन की खोज नहीं हो जाती है तब तक इस धरती को सुरक्षित व संवर्धित करने की जरूरत है।
विश्व पृथ्वी दिवस पर स्कूली छात्र एवं समाजिक संस्थाओं द्वारा पेड़ लगाकर, सड़क के किनारे कचरा उठाकर, लोगों को बेहतर जीवन जीने के तरीके अपनाने के लिए प्रेरित करने जैसे कार्यक्रम आयोजित कर सेलिब्रेट किया जाता है। ऐसे में कम से कम इस दिन पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया जाता है. बता दें कि एक समय इस दिन के लिए अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने विशेष प्रयास किया था। वे चाहते थे कि इस दिवस पर कॉलेज के कैम्पस से ज्यादा से ज्यादा छात्र भागीदारी करें।
इसके लिए 19 से 25 अप्रैल के बीच का समय उन्हें सबसे सही लगा, क्योंकि इस समय ना तो कॉलेज में परीक्षाएं थीं, ना ही गर्मी की छुट्टियां पड़ रही थीं और ना ही कोई धार्मिक त्योहार की बाधा थी। इसलिए ज्यादा छात्रों की उपस्थिति के लिए उन्होंने 22 अप्रैल को चुना गया। इसके बाद से विश्व पृथ्वी दिवस के लिए 22 अप्रैल की तारीख हमेशा के लिए तय हो गई।
इस साल वर्ल्ड अर्थ डे की थीम है, ‘इन्वेस्ट इन आवर प्लांट, मतलब ‘हमारे ग्रह में निवेश करें’।
विश्व पृथ्वी दिवस ग्लोवल स्तर पर 192 देशों द्वारा मनाया जाता है। 60-70 के दशक में जंगलों और पेड़ों की अंधाधुन्ध कटाई को देखते हुए सितम्बर 1969 में सिएटल, वाशिंगटन में एक सम्मलेन में विस्कोंसिन के अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने इसे मनाने की घोषणा की। इस राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन में अमेरिका के स्कूल और कॉलेजों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। इसके साथ ही इस सम्मेलन में 20 हजार से अधिक लोग इक्कट्ठा हुए थे। साल 1970 से लगातार ये दिवस मनाया जा रहा है।
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