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विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर वरिष्ठ पत्रकार देवाशीष चक्रवर्ती ने कहा- पत्रकारों को पाबंदियों से मिलनी चाहिए आजादी

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सिलीगुड़ी। आज यानी तीन मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर वरिष्ठ पत्रकार देवाशीष चक्रवर्ती ने कहा किस खबर संग्रह के दौरान पत्रकारों को हर पाबंदियों से मिले आजादी होनी चाहिए। साथ ही कहा डी पत्रकारों की सुरक्षा के मामले में भारत दुनिया भर में 10 वें स्थान पर , इराक की स्थिति और बदतर है।
वहीं सीनियर जर्नलिस्ट अंशुमान चक्रवर्ती ने भी पत्रकारों पर बाहरी दबाव पर जताई चिंता, नए पत्रकारों को बुनियादी चीजों पर जोर देने की सलाह दी।
आपको बता दें कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ का उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्त्व के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। ऐसा नहीं है कि इस दिन किसी देश में प्रेस को स्वतंत्रता मिल गई थी या उसकी स्वतंत्रता छिन गई थी, बल्कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1993 में तय किया था कि यदि प्रेस की आजादी के बारे में तीन मई को हर वर्ष पूरी दुनिया में बात की जाए तो अच्छा रहेगा, लिहाजा तब से हर साल 3 मई को विश्व प्रेस दिवस मनाया जाता है। हर साल विश्‍व प्रेस स्‍वतंत्रता दिवस की एक थीम भी निर्धारित की जाती है। इस बार की थीम ‘Shaping a Future of Rights: Freedom of Expression as a Driver for all other human rights’ है।
बता दें कि साल 1991 में यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र के ‘जन सूचना विभाग’ ने मिलकर अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला किया था। ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ ने भी तीन मई को यह दिवस मनाने की घोषणा की थी। साल 1993 में यूनेस्को महासम्मेलन के 26वें सत्र में इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था और तब से लेकर अब तक हर साल तीन मई को यह दिवस मनाया जाता है।
यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता के सिद्धांत, प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्यांकन और प्रेस की स्वतंत्रता पर बाहरी तत्वों के हमले से बचाव और प्रेस की सेवा करते हुए मारे गए लोगों को याद करने और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देने का दिन है।
हर साल विश्व पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तीन मई को यूनेस्को द्वारा ‘गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज’ दिया जाता है, जिसकी शुरुआत साल 1997 में हुई थी। यह पुरस्कार उस व्यक्ति अथवा संस्थान को दिया जाता है जिसने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो।
तीन मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने के पीछे एकमात्र उद्देश्य यह है कि हम वैश्विक समुदाय को यह संदेश दें कि प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे मौलिक अधिकारों में से एक महत्वपूर्ण अधिकार है और हम इन पर किसी भी तरह की बंदिश स्वीकार नहीं करेंगे।


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