नई दिल्ली। कोरोना का अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट ओमिक्रॉन भारत पहुंच चुका है। कर्नाटक में 66 वर्ष और 46 वर्ष के दो पुरुषों में ओमिक्रॉन पाया गया है. हैरानी की बात ये है कि इनमें से सिर्फ 66 वर्ष का व्यक्ति दक्षिण अफ्रीका से भारत आया था। जबकि दूसरे व्यक्ति ने बाहर के किसी देश की यात्रा नहीं की थी। इसलिए ये समझना मुश्किल हो गया है कि इस व्यक्ति को ओमिक्रॉन का संक्रमण कहां से हुआ।
डराने वाली बात ये है कि ये दोनों लोग फुल्ली वक्सीनेटेड थे। इनमें से 46 साल का व्यक्ति, जो खुद पेशे से डॉक्टर हैं, उन्हें 21 नवंबर को बुखार और बदन दर्द की शिकायत हुई। उसी दिन उन्होंने अपना RT-PCR टेस्ट कराया। अगले दिन यानी 22 नवंबर को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई और इस RT-PCR रिपोर्ट में CT Value काफी कम थी।
आम तौर पर ये माना जाता है कि CT Value जितनी कम है, उस व्यक्ति में Viral Load उतना ही ज्यादा है। इसके बाद 46 साल के इस डॉक्टर के सैम्पल्स को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेज दिया गया। इस बीच 22 से लेकर 24 नवंबर तक ये व्यक्ति होम आइसोलेशन में था, लेकिन 25 तारीख को तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. यानी ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों को भी अस्पताल में भर्ती कराने की ज़रूरत पड़ सकती है।
हालांकि तीन दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई. इस दौरान इस डॉक्टर ने 13 लोगों से मुलाकात की थी. जब इन 13 लोगों का RT PCR टेस्ट कराया गया तो उसमें से 3 लोग पॉजिटिव पाए गए। ये 13 लोग आगे 205 लोगों से मिले थे और इनमें से भी 2 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई. इन सब लोगों को भी वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी है।
बुधवार देर रात को इस व्यक्ति के जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट आई, जिसमें पता चला कि इसे ओमिक्रोण वेरिएंट का संक्रमण हुआ था. फिलहाल ये डॉक्टर और इससे मिलने वाले सभी लोग आइसोलेशन में हैं और इन सबका स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है.
जबकि 66 साल का दूसरा व्यक्ति दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है, जो 20 नवंबर को दुबई होते हुए दक्षिण अफ्रीका से भारत आया था। इसके पास कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट थी। फिर भी एयरपोर्ट पर इसका नया सैंपल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तब तक ये व्यक्ति एक होटल में चेक इन कर चुका था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम इसके पास पहुंची।
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