कोलकाता। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य की पत्नी व पुत्र ने शनिवार को कोर्ट में सरेंडर किया। माणिक भट्टाचार्य की पत्नी शतरूपा भट्टाचार्य और बेटा शौविक भट्टाचार्य शनिवार को बैंकशाल कोर्ट गए थे। इस मामले में चार्जशीट में इनके नाम थे। उसी के आधार पर कोर्ट ने माणिक की पत्नी और बेटे को तलब किया था। शनिवार को दोनों ने कोर्ट में सरेंडर कर जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी और तीनों को सात फरवरी तक जेल हिरासत का निर्देश दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माणिक भट्टाचार्य की पत्नी और बेटे की जमानत याचिका का विरोध किया था। ईडी के वकीलों का कहना था कि शिक्षक भर्ती घोटाले में धन उगाही में इनका भी हाथ था।
माणिक भट्टाचार्य की पत्नी का है मृत व्यक्ति के साथ ज्वाइंट बैंक अकाउंट
बता दें कि माणिक कापत्नी का एक मृत व्यक्ति के साथ संयुक्त बैंक खाता है। ईडी का दावा है कि उस खाते में 3 करोड़ रुपये हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पहले अदालत को बताया था कि जिस व्यक्ति के साथ माणिक की पत्नी का बैंक में संयुक्त खाता है, उसका नाम मृत्युंजय चक्रवर्ती है। साल 2016 में उनका निधन हो गया था। लेकिन अभी तक उनका नाम अकाउंट से नहीं हटाया गया है। बल्कि उस बैंक खाते में कई करोड़ रुपए हैं, जो ईडी के वकील के मुताबिक धोखाधड़ी के पैसे हो सकते हैं। ईडी ने प्राथमिक भर्ती घोटाला मामले में आरोपी माणिक पर वित्तीय गबन का आरोप लगाया है।
माणिक भट्टाचार्य के बेटे पर लगा शिक्षक भर्ती घोटाले में धांधली का आरोप
माणिक के बेटे शौविक भट्टाचार्य की भूमिका भी जांचकर्ताओं के दायरे में हैं। शौविक पर राज्य के कई शिक्षण संस्थानों से अवैध रूप से पैसे निकालने का आरोप है। ईडी का आरोप है कि माणिक के नाम पर कई बेनामी संपत्तियां मिली हैं। यहां तक कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि भर्ती भ्रष्टाचार की जांच में उनके बेटे शौविक के नाम से बड़ी संपत्ति मिली है। दावा किया गया है कि माणिक-पुत्र के संगठन ने कभी राज्य के 530 निजी बीएड और डीएलएड कॉलेजों से 50,000 रुपये लिए थे। बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक के पदों पर फर्जी रूप से नियुक्त किये गये सैंकड़ों लोगों की नौकरी रद्द की हैं और इस मामले की सीबीआई और ईडी जांच कर रही है।
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