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श्रीनगर मुठभेड़ में 2 आतंकी ढेर, बंगाल के मजदूर की हत्या में दोनों शामिल थे

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम इलाके में सुरक्षाकर्मियों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। इसमें सुरक्षाबलों ने अब तक 2 आतंकियों को मार गिराया है। दोनों की पहचान पुलवामा के एजाज रसूल नजर और शाहिद अहमद के रूप में हुई। ये आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े हुए थे।
हथियार किए गए बरामद
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी। इसके बाद पुलिस और जवानों ने यह संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद एनकाउंटर में दोनों आतंकी मारे गए। आतंकियों के पास से एक AK-47, 2 पिस्टल और एक ग्रेनेड बरामद हुआ। पुलिस और सेना ने लोगों से उनका साथ देने की बात कही। सेना ने कहा कि जब तक इलाके की पूरी तरह से छानबीन न हो जाए, तब तक लोग अपने घरों से बाहर न निकलें।
शोपियां में मारा गया था एक आतंकी
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में 12 सितंबर को हेफ शिरमल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर हुआ। पुलिस और सुरक्षा बल संयुक्त रूप से आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे थे। इसमें एक आतंकवादी मारा गया। एक सुरक्षाकर्मी भी घायल हुआ था।
6 और 7 सितंबर को भी हुई थी मुठभेड़
6 सितंबर को अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में 2 आतंकवादी मारे गए थे। पुलिस को जिले के पोशक्रीरि इलाके में आतंकवादियों की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस और सेना ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में 2 आंतकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया।
शोपियां में हुआ था ग्रेनेड अटैक
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में 30 अगस्त को ग्रेनेड अटैक हुआ। यह हमला शोपियां के मनिहाल बाटपोरा इलाके में कश्मीरी पंडित के घर पर हुआ। ग्रेनेड हिंदुओं की कॉलोनी को टारगेट कर फेंका गया था, लेकिन यह CRPF की गाड़ी पर जा गिरा। इसमें किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली थी।
इससे पहले 29 अगस्त की शाम को आतंकियों ने दो अलग-अलग जगहों पर ग्रेनेड फेंका। पहला हमला बडगाम के गोपालपोरा चडूरा इलाके में किया गया, जिसमें एक नागरिक करण कुमार सिंह घायल हो गए। दूसरी घटना श्रीनगर की है, जहां आतंकियों ने पुलिस कंट्रोल रूम पर ग्रेनेड फेंका।
घाटी में लगातार क्यों हो रहे टारगेट किलिंग्स?
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक टारगेटेड किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई योजना है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है।
आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेटेड किलिंग कि घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खास तौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी सॉफ्ट टागरेट बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।


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