गंगटोक। जनसंख्या वृद्धि ने भारत की बड़ी समस्या बन चुकी है। अपने देश में बेरोजगारी, खाद्य समस्या, कुपोषण, प्रति व्यक्ति आय, गरीबी, मकानों की कमी, महंगाई, कृषि विकास में बाधा, बचत एवं पूंजी में कमी, शहरी क्षेत्रों में घनत्व जैसी ढेर सारी समस्याओं का कारण बढ़ती जनसख्या को माना जाता है। यही कारण है कि देश में जनसंख्या नियन्त्र कानून की मांग उठ रही है और हमारी सरकार इस पर विचार भी कर रही है। लेकिन आपको बता दे कि देश में जनसंख्या नियन्त्र कानून की मांग जो पकड़ रही है, तो दूसरी तरफ देश में एक ऐसा राज्य है जहां ज्यादा बच्चे पैदा करने पर महिलाओं को इनाम देने की घोषणा की गई है
आपको बता दे कि भारत का पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में बच्चे के जन्म पर अब महिला कर्मचारियों को इंक्रीमेंट मिलेगा। राज्य की सरकार ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके अनुसार दूसरी बार मां बनने पर महिला कर्मचारियों को इंक्रीमेंट और तीसरे बच्चे के जन्म पर डबल इंक्रीमेंट मिलेगा। आम लोगों को भी ज्यादा बच्चे पैदा करने पर सुविधाएं मिलेंगी। वहीं, आईवीएफ से मां बनने वाली महिलाओं को 3 लाख की मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने जोरेथांग में माघे संक्रांति समारोह के दौरान इस बारे में जानकारी दी।
सीएम ने कहा कि बीते कुछ सालों में सिक्किम में प्रजनन दर घटा है। यहां हर महिला पर एक बच्चे की सबसे कम वृद्धि दर दर्ज की गई है। वहीं, जातीय समुदायों की आबादी भी घट गई है। ऐसे में सीएम ने ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए जातीय समुदायों से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए यह घोषणा की।
मां बनने पर महिला कर्मचारी को मिलती है सालभर की छुट्टी
कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि हमें महिलाओं और स्थानीय लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है, जिससे राज्य की प्रजनन दर में सुधार हो। हमारी सरकार पहले ही मां बनने पर महिला कर्मचारियों को 365 दिनों की छुट्टी और पुरुष कर्मचारियों को 30 दिन की लीव देती है।
तमांग ने बताया कि इस योजना का लाभ एक बच्चे की मां (महिला कर्मचारी) को नहीं मिलेगा। ज्यादा बच्चे पैदा करने पर आम लोगों को भी सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाएगी। इसका विवरण स्वास्थ्य और महिला एवं बाल देखभाल विभागों की ओर से तैयार किया जाएगा।
आईवीएफ से मां बनने वाली महिलाओं को 3 लाख की मदद मिलेगी
सरकार ने राज्य के अस्पतालों मेंआईवीएफ की सुविधा भी शुरू की है। इससे अगर महिलाओं को सामान्य तरह से गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है तो वे तकनीक का सहारा ले सकते हैं। इस प्रोसेस के जरिए मां बनने वाली सभी माताओं को 3 लाख रुपए की मदद दी जाएगी। अब तक राज्य मेंआईवीएफ के जरिए 38 महिलाएं प्रेग्नेंट हो चुकी हैं, इनमें से कुछ बच्चों को जन्म भी दे चुकी हैं।