जम्मू। सीबीआई जम्मू-कश्मीर के एसआई भर्ती घोटाले के सिलसिले में जम्मू, श्रीनगर, हरियाणा के जिलों, गांधीनगर, गाजियाबाद, बेंगलुरु, दिल्ली सहित 33 स्थानों पर तलाशी ले रही है। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, डीएसपी, और सीआरपीएफ के अधिकारियों के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है। बता दें कि 27 मार्च 2022 को हुई एसआई भर्ती परीक्षा में धांधली हुई थी।
कब हुई थी भर्ती परीक्षा
जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) ने 27 मार्च को सब इंस्पेक्टर के 1200 पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी, जिसका परिणाम चार जून को जारी किया गया है। 97 हजार युवाओं ने भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी। रिजल्ट के बाद सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट में कुछ अभ्यर्थियों को मिले अंक पर सवाल उठाए गए थे। इसके बाद प्रदेशभर में इसमें जांच के लिए प्रदर्शन हुए।
एलजी ने दस जून को दिए थे धांधली की जांच के आदेश
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 10 जून को भर्ती में धांधली की जांच के आदेश दिए थे। सरकार तक यह बात पहुंच चुकी थी कि भर्ती में धांधली हुई है। परीक्षा के लिए पेपर लीक हो गया। इसके लिए बड़े स्तर पर पैसे के लेनदेन की बात भी सामने आई। उपराज्यपाल ने गृह सचिव आर के गोयल, कानून विभाग के सचिव अचल सेठी और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मनोज द्विवेदी को समिति में शामिल किया।
कब रद्द हुई भर्ती परीक्षा
जांच की रिपोर्ट आने के बाद भर्ती परीक्षा को आठ जुलाई को रद्द कर दिया गया और इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
कई राज्यों में प्रतिबंधित है एसआई भर्ती करने वाली कंपनी
सब इंस्पेक्टरों की भर्ती मामले में भर्ती करने वाली एजेंसी को ठेका देने पर एसएसबी सवालों के घेरे में है। एजेंसी को कई राज्यों और विभागों ने प्रतिबंधित कर रखा है, बावजूद इसके कंपनी को एसएसबी ने बिना नियमों में बदलाव किए भर्ती का ठेका दे दिया।
जानकारी के अनुसार भर्ती कंपनी को ऑयल एवं नेचुरल गैस कारपोरेशन की ओर से प्रतिबंधित किया जा चुका है। पीजीआई भी ऐसा कर चुकी है, जबकि झारखंड सरकार भी ऐसा कर चुकी है। कंपनी द्वारा भर्ती में सही काम न करने को लेकर ऐसा किया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सबकुछ जानते हुए भी लिखित परीक्षा से लेकर आवेदन तक लेने के लिए कंपनी को जिम्मा दिया गया।
एसआई भर्ती की धांधली के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि जिस भर्ती कंपनी को जिम्मा दिया गया है, उसका रिकॉर्ड पता होने के बाद भी भर्ती का ठेका क्यों दिया गया। इसकी सीबीआई को गहनता से जांच करनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी कंपनी से भर्ती करवाई जाए तो उसका रिकॉर्ड देखकर ही भर्ती कराई जाए।
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