नई दिल्ली। अडानी ग्रुप के खिलाफ जिस तरह से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई थी, उसके बाद अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग उठ रही है। अब इस पूरे मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है
अडानी ग्रुप के खिलाफ जिस तरह से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई थी, उसके बाद अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग उठ रही है। अब इस पूरे मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है जो इसकी जांच करेगी। इस कमेटी में ओपी भट्ट, रिटायर्ड जज जेपी देवदत्त, नंदन निलेकणि, केवी कामथ, सोमशेखरन सुंदरसन शामिल हैं। रिटायर्ड जज जस्टिस एएम सापरे इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। गौर करने वाली बात है कि अडानी ग्रुप की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं। इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमेटी का गठन किया है।
हिंडनबर्ग विवाद में जांच के लिए सेबी को 2 महीने का वक्त, सुप्रीम कोर्ट ने गठित की एक्सपर्ट कमेटी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच जिसमे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पादरीवाला शामिल थे, उन्होंने इस एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में जो 6 सदस्य हैं उनकी बात करें तो ओपी भट्ट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं, नंदन निलेकणि इंफोसिस के पूर्व को-फाउंडर और उद्योगपति हैं। केवी कामथ इंफोसिस के पूर्व चेयरमैन, न्यू डेवलपमेंट बैंक के पूर्व चीफ, आईसीआईसीआई बैंक के नॉन एग्जेक्युटिव चेयरमैन हैं। सोमशेखर सुंदरेशन वरिष्ठ वकील हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक्सपर्ट कमेटी अपनी रिपोर्ट को दो महीने के भीतर सीलबंद लिफाफे में दायर करेगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को निर्देश दिया है कि वह इस कमेटी को हर जानकारी मुहैया कराए। कोर्ट ने कहा कि इस कमेटी का काम ढांचो को मजबूत करने के उपाय को सुझाना है।